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UP Traffic Diversion Alert : श्रावण में लखनऊ-अयोध्या-गोरखपुर हाईवे पर 10 दिन भारी वाहनों की नो एंट्री, रूट डायवर्जन लागू

UPPolice Traffic Alert : श्रावण मास में कांवड़ यात्रा और सावन सोमवार के मद्देनजर, 19 जुलाई से 9 अगस्त तक लखनऊ-अयोध्या-गोरखपुर हाईवे पर 10 दिन भारी वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित रहेगी। ट्रक, डीसीएम, ट्रैक्टर आदि को रूट डायवर्जन के तहत वैकल्पिक मार्गों से भेजा जाएगा। यातायात पुलिस ने विस्तृत योजना बनाई है।

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लखनऊ

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Ritesh Singh

Jul 17, 2025

श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुगम यात्रा के लिए बड़ा फैसला, ट्रक-डीसीएम-ट्रैक्टर को नहीं मिलेगी एंट्री फोटो सोर्स : Social Media

श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुगम यात्रा के लिए बड़ा फैसला, ट्रक-डीसीएम-ट्रैक्टर को नहीं मिलेगी एंट्री फोटो सोर्स : Social Media

UP Traffic Diversion : श्रावण मास में कांवड़ यात्रा, सावन सोमवार और धार्मिक अनुष्ठानों को देखते हुए यूपी ट्रैफिक पुलिस ने एक अहम निर्णय लिया है। लखनऊ-अयोध्या-गोरखपुर राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-27) पर 19 जुलाई से 9 अगस्त 2025 के बीच 10 दिन तक भारी मालवाहक वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। इसमें ट्रक, डीसीएम, ट्रैक्टर और अन्य बड़े वाणिज्यिक वाहन शामिल हैं। यह प्रतिबंध विशेष रूप से श्रावण के दूसरे सोमवार (22 जुलाई) और श्रावण त्रयोदशी (24 जुलाई) के आसपास लागू रहेगा। पुलिस ने इसके लिए रूट डायवर्जन की विस्तृत योजना बनाई है जिससे आम यात्रियों को कम से कम परेशानी हो और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

कब लागू रहेगा प्रतिबंध

  • तारीख: 19 जुलाई से 9 अगस्त 2025 तक
  • दिन: कुल 10 दिन (आवश्यक धार्मिक तिथियों को देखते हुए चयनित)
  • समय: कई दिनों पर लगातार 120 घंटे (5 दिन) तक आवाजाही पूरी तरह बंद
  • किन वाहनों पर लागू होगा प्रतिबंध:
  • भारी मालवाहक वाहन
  • ट्रक
  • डीसीएम (Light Commercial Vehicles)
  • ट्रैक्टर-ट्रॉली
  • भारी निर्माण सामग्री ले जाने वाले वाहन

नोट: यात्री वाहन, निजी कारें, बाइक और आपातकालीन सेवा वाहन (एम्बुलेंस, अग्निशमन वाहन, पुलिस वाहन) को इस प्रतिबंध से छूट दी गई है।

प्रभावित मार्ग

  • लखनऊ-अयोध्या-गोरखपुर हाईवे (NH-27)
  • यह मार्ग अयोध्या, बस्ती, संत कबीर नगर, गोरखपुर होते हुए उत्तर प्रदेश और बिहार के सैकड़ों शहरों को जोड़ता है।

क्यों लिया गया यह निर्णय

श्रावण मास में हजारों कांवड़ यात्री, सावन सोमवार के भक्त, और शिव मंदिरों की ओर जाने वाले श्रद्धालु इसी मार्ग से गुजरते हैं। यह देखा गया है कि इन दिनों में लखनऊ से लेकर गोरखपुर तक के हाईवे पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रहती है।
ऐसे में भारी वाहनों की आवाजाही न केवल श्रद्धालुओं की जान को खतरे में डालती है, बल्कि कई बार जाम की स्थिति भी बन जाती है। यही कारण है कि यातायात पुलिस, जिला प्रशासन और धार्मिक संस्थाओं के परामर्श से यह निर्णय लिया गया है।

 रूट डायवर्जन की विस्तृत योजना

यातायात पुलिस ने डायवर्जन की पूरी रूपरेखा तैयार की है। इसके तहत भारी वाहनों को वैकल्पिक मार्गों से गुजारने की योजना है। उदाहरण के लिए:

  • लखनऊ से गोरखपुर की ओर जाने वाले वाहन अब बाराबंकी-फैजाबाद बाईपास होते हुए बलिया-देवरिया मार्ग से भेजे जाएंगे।
  • पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को भी वैकल्पिक रूप से इस्तेमाल किया जाएगा ताकि ट्रैफिक का दबाव मुख्य हाईवे से हटाया जा सके।
  • अयोध्या के आसपास विशेष ट्रैफिक पॉइंट बनाए गए हैं जहाँ पुलिस तैनात रहेगी और वाहन चालकों को डायवर्जन की सूचना दी जाएगी।

क्या होगी व्यवस्था

  • पुलिस चेक पोस्ट: मार्गों पर अतिरिक्त चेक पोस्ट लगाए जा रहे हैं ताकि भारी वाहनों को प्रवेश से पहले ही रोका जा सके।
  • डिजिटल साइन बोर्ड: हाईवे पर चेतावनी और सूचना देने वाले LED बोर्ड लगाए जा रहे हैं।
  • माइक्रो प्लानिंग: जिलावार ट्रैफिक कंट्रोल रूम और नोडल अधिकारी तैनात किए जा रहे हैं।
  • रोजाना मॉनिटरिंग: सभी संबंधित पुलिस अधीक्षक प्रतिदिन यातायात व्यवस्था की समीक्षा करेंगे।

क्या बोले अधिकारी

लखनऊ ट्रैफिक पुलिस अधीक्षक (SP Traffic) अशोक कुमार सिंह ने कहा “श्रावण मास में शिव भक्तों की सुरक्षा सर्वोपरि है। लखनऊ-गोरखपुर हाईवे कांवड़ यात्रा और सावन सोमवार के दौरान अत्यधिक व्यस्त रहता है। भारी वाहनों पर रोक से न केवल सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि आमजन की यात्रा भी सुगम होगी।”

लॉजिस्टिक्स और व्यापार पर असर

इस निर्णय से कुछ लॉजिस्टिक्स कंपनियों और किसानों को नुकसान की संभावना जताई जा रही है, खासकर जो सब्जी, फल या अनाज की ढुलाई करते हैं। कई व्यापारियों ने मांग की है कि आवश्यक वस्तुओं की ढुलाई को प्रतिबंध से छूट दी जाए। हालांकि प्रशासन का कहना है कि जरूरी आपूर्ति के लिए विशेष पास या रात के समय कुछ सीमित रियायतें दी जा सकती हैं।  यातायात विभाग ने इस निर्णय की जानकारी आम लोगों और ट्रांसपोर्ट कंपनियों तक पहुंचाने के लिए निम्न प्रयास किए हैं:

  • FM रेडियो पर प्रचार
  • ट्रक यूनियनों और टोल प्लाजा पर पंपलेट वितरण
  • सोशल मीडिया पर अलर्ट पोस्टिंग
  • अखबारों और टीवी चैनलों में सूचना प्रसारण

जनता के लिए सुझाव

  • भारी वाहन चालक तय तिथियों पर हाईवे पर यात्रा से बचें।
  • श्रद्धालु हाईवे पर सावधानी से चलें, विशेष रूप से रात के समय।
  • ट्रांसपोर्ट कंपनियां वैकल्पिक रूट की पहले से योजना बनाएं।
  • आपातकालीन सेवाओं के वाहन यात्रा में बाधा न डालें।