16 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

UPPSC ने जारी की RO/ARO पदों के लिए वैकेंसी, ऑफिसियल वेबसाइट www.uppsc.up.nic.in पर करें आवेदन

यूपीपीएससी (UPPSC ) ने 460 से अधिक RO और ARO के Recruitment के लिए ऑफिसियल वेबसाइट www.uppsc.up.nic.in पर विज्ञापन जारी किया है

2 min read
Google source verification

लखनऊ

image

Akansha Singh

Dec 29, 2017

LUCKNOW

लखनऊ. उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग यानि यूपीपीएससी कल यानि 30 दिसंबर को 460 से अधिक समीक्षा अधिकारी (आरओ) सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी करने जा रहा है। आरओ, एआरओ परीक्षा 2017 में बैठने के लिये अभ्यर्थी को कम से कम ग्रेजुएट होना चाहिये। इसके साथ ही आवेदन करने वाले अभ्यर्थी के लिये ओ लेवल सर्टिफकेट अनीवार्य होगा। हालांकि आयोग ने ओ लेवल सर्टिफिकेट की अनिवार्यता को खत्म करने के लिये कार्मिक विभाग को भेजा है लेकिन इस पर कोइ निर्णय नहीं लिया जा सका है। हांलाकि पिछली परीक्षा के परिणाम के कोई पता नही है। विवाद के कारण आरओ, एआरओ परीक्षा 2017 का परिणाम अभी फंसा है। इसकी वजह से लगभग सवा दो लाख अभ्यर्थियो का परिणाम अभी फंसा है ।

यूपीपीएससी आरओ, एआरओ परीक्षा 2017 तहत सामान्य चयन में 460 पदों और विशेष चयन/बैकलॉग में पांच पदों पर भर्ती करने जा रहा है। इसके आयोग की ऑफिसियल वेबसाइट www.uppsc.up.nic.in पर 30 दिसंबर को विस्तृत विज्ञापन जारी किया जाएगा। इसके अलावा 13 जनवरी को रोजगार समाचार में विस्तृत विगयपन जारी किया जाएगा।

दो पालियों में हुई थी परीक्षा

इस परीक्षा का आयोजन 27 दिसंबर 2016 को किया गया था। जिसमें 2 लाख 32 हज़ार अभ्यर्थी शामिल हुए थे। 361 पदों के परीक्षा दो पालियों में हुई थी। पहली पाली सामान्य अध्ययन और दूसरी पाली में हिंदी का पेपर हुआ था।

व्हाट्सअप पर वायरल हुआ था पेपर

दो पालियों में से पहले पाली में हुए पेपर की व्हाट्सअप में वायरल होने खबरें सामने आई थी। जबकि बाद में दूसरा पेपर के आउट होने के साक्ष्य सामने आये थे। आयोग ने अपने स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं की थी। न्यायलय के आदेश में मुक़दमा लिखा गया था।

शुरुआत में जांच एसटीएफ को सौंपी गई थी। बाद में योगी सरकार ने यह जांच सीबीसीआईडी के हवाले कर दी। मामला न्यायलय में लंबित है और सीबीसीआईडी इसकी जांच कर रहा है। उनका कहना है की सबकुछ जांच रिपोर्ट और न्यायालय के कहने पर आधारित होगा। ऐसे में जो अभ्यर्थी में शामिल हुए थे और उस वर्ष निर्धारित आयु सीमा पूरी कर रहे थे, उन्हें अब चिंता सता रही है कि उनके भविष्य का क्या होगा।