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UP Diwas 2025: पहले बदली राजधानी, फिर नाम, जानें यूनाइटेड प्रोविंस से उत्तर प्रदेश बनने तक का सफर

Uttar Pradesh Divas 2025: उत्तर प्रदेश का 76 वां स्थापना दिवस मनाया जा रहा है। पहले यूपी को यूनाइटेड प्रोविंस के नाम से जानते हैं। आइए जानते हैं यूपी की राजनीति, इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर से जुड़े कुछ रोचक त्थय।

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लखनऊ

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Sanjana Singh

Jan 23, 2025

Uttar Pradesh Diwas 2025

Uttar Pradesh Diwas 2025: उत्तर प्रदेश, भारत का सबसे बड़ा और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध राज्य, हर साल 24 जनवरी को अपना स्थापना दिवस मनाता है। इस साल प्रदेश अपना 76 वां स्थापना दिवस मना रहा है। हालांकि, इस विशेष दिन को आधिकारिक रूप से पहली बार 2018 में मनाया गया। 24 जनवरी 1950 को यूनाइटेड प्रोविंस का नाम बदलकर उत्तर प्रदेश किया गया, जिसने इस राज्य को एक नई पहचान दी। आइए, उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस से जुड़ी इन ऐतिहासिक और दिलचस्प पहलुओं को विस्तार से जानें।

यूनाइटेड प्रॉविंस से उत्तर प्रदेश बनने की कहानी (Uttar Pradesh Divas 2025)

ईस्ट इंडिया कंपनी ने 1775 से 1816 के बीच कई रियासतों पर कब्जा किया। 1801 में नवाबों, 1803 में सिंधिया रियासत, और 1816 में गोरखों से छीने गए क्षेत्रों को सबसे पहले बंगाल प्रेसीडेंसी में शामिल किया गया। इसके बाद, 1833 में पश्चिमोत्तर प्रांत (North-Western Provinces) का गठन हुआ, जिसे आगरा प्रेसीडेंसी के नाम से जाना गया। 1856 में अवध पर कब्जे के बाद, आगरा और अवध को मिलाकर 1877 में संयुक्त प्रांत (United Provinces) बनाया गया। 1902 में ब्रिटिश शासन के दौरान इसका नाम बदलकर ‘यूनाइटेड प्रोविंस ऑफ आगरा एंड अवध’ कर दिया गया।

1921 में पहली विधान परिषद का गठन

1920 में उत्तर प्रदेश में विधान परिषद के पहले चुनाव हुए थे, जिसके बाद 1921 में लखनऊ में पहली विधान परिषद का गठन हुआ। इस दौरान, गवर्नर, मंत्री और गवर्नर सचिवों को लखनऊ में रहने का आदेश दिया गया था। इसके परिणामस्वरूप, तत्कालीन गवर्नर हरकोर्ट बटलर ने इलाहाबाद से लखनऊ शिफ्ट होने का निर्णय लिया। 1935 तक सभी सरकारी कार्यालय लखनऊ में स्थानांतरित हो चुके थे, और इस प्रकार लखनऊ को उत्तर प्रदेश की नई राजधानी घोषित किया गया। 1937 में इस क्षेत्र का नाम "यूनाइटेड प्रोविंस" रखा गया, और फिर देश की आजादी के बाद, 24 जनवरी 1950 को इसका नाम बदलकर "उत्तर प्रदेश" कर दिया गया।

2018 से मनाया जाता है यूपी स्थापना दिवस(Uttar Pradesh Diwas 2025)

14 जुलाई 2014 को राम नाईक उत्तर प्रदेश के राज्यपाल बने। उस दौरान अमरजीत मिश्र ने उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस मनाने का औपचारिक सुझाव दिया। हालांकि, जब राम नाईक ने इसे समाजवादी पार्टी की सरकार के सामने रखा, तो यह प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया गया। बाद में, योगी आदित्यनाथ सरकार ने मई 2017 में घोषणा की कि हर साल 24 जनवरी को यूपी दिवस मनाया जाएगा। तब से, यह दिन पूरे राज्य में धूमधाम से मनाया जा रहा है।

उत्तर प्रदेश ने दिए हैं बड़े नेता

उत्तर प्रदेश को राजनीतिक दृष्टि से दिल्ली का द्वार माना जाता है, क्योंकि यह राज्य देश की राजधानी दिल्ली से सटा हुआ है। यूपी ने कई प्रमुख नेताओं को जन्म दिया है, जिसका प्रभाव राष्ट्रीय राजनीति में गहरा रहा है। भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू इलाहाबाद से सांसद थे। सिर्फ यही नहीं, जवाहर लाल नेहरू से लेकर लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, चौधरी चरण सिंह और राजीव गांधी, वीपी सिंह, चंद्रशेखर, अटल बिहारी वाजपेयी यूपी से सांसद बनकर पीएम बने थे। मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी यूपी की वाराणसी सीट से सांसद हैं।

भारत की पहली महिला मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश से बनीं

उत्तर प्रदेश का इतिहास हमेशा से राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रहा है, और इस राज्य ने कई ऐतिहासिक घटनाओं का साक्षी बनने का गौरव प्राप्त किया है। गोविंद बल्लभ पंत उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री थे, जिनका कार्यकाल 15 अगस्त 1947 से 27 मई 1954 तक रहा। इसके बाद, 1963 में सुचेता कृपलानी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभालते हुए भारत की पहली महिला मुख्यमंत्री बनने का गौरव प्राप्त किया। सुचेता कृपलानी का कार्यकाल उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक अहम मोड़ साबित हुआ। 1995 में मायावती ने भी ऐतिहासिक कदम उठाया और उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनीं, वह देश में किसी भी राज्य की पहली दलित महिला मुख्यमंत्री थीं। वर्तमान में, योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यरत हैं।