
खुल सकेंगे अस्पताल व नर्सिंग होम: प्रदेश में शहरीकरण और निवेश को नई रफ्तार फोटो सोर्स : Patrika
Yogi Government Decision: उत्तर प्रदेश में शहरी विकास, निवेश और स्वास्थ्य क्षेत्र को नई दिशा देने के लिए राज्य सरकार ने भवन निर्माण एवं विकास उपविधियों में बड़ा संशोधन किया है। इससे राज्य में छोटे और मध्यम निवेशकों को प्रोत्साहन मिलेगा और शहरीकरण की प्रक्रिया को गति मिलेगी। नई नियमावली के तहत अब प्रदेश में केवल 3000 वर्ग मीटर भूमि पर अस्पताल और नर्सिंग होम खोले जा सकेंगे। पहले इसके लिए 20,000 वर्ग मीटर भूमि की अनिवार्यता थी। यह फैसला प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार, रोजगार सृजन और आर्थिक विकास को बल देगा।
अयोध्या, मथुरा, वृंदावन, प्रयागराज, आगरा, लखनऊ जैसे धार्मिक और पर्यटन स्थलों पर होटल निर्माण को बढ़ावा मिलेगा, जिससे "डेस्टिनेशन वेडिंग" और टूरिज्म उद्योग को नई ऊर्जा मिलेगी।
500 वर्ग मीटर तक के आवासीय भवन और 200 वर्ग मीटर तक के व्यावसायिक भवनों के लिए नक्शा पास कराना अनिवार्य किया गया है। चिकित्सा व अन्य सेवाओं से जुड़े पेशेवरों को अपने घर के 25% हिस्से में कार्यालय चलाने की अनुमति होगी।
अब भवन निर्माण स्वीकृति से संबंधित अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) की समय-सीमा निर्धारित की गई है, जिससे अनावश्यक विलंब और भ्रष्टाचार की संभावनाएं कम होंगी। सभी प्रक्रियाओं को डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से ट्रैक किया जा सकेगा।
इन प्रावधानों से फ्लैट निर्माण में तेजी आएगी। इससे मध्यम वर्ग के लिए सस्ते और सुलभ आवास उपलब्ध होंगे। रियल एस्टेट क्षेत्र में नई जान आएगी और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
विशेषज्ञों का मानना है कि भवन निर्माण और व्यावसायिक नियमों में यह बदलाव न केवल प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगा, बल्कि इसके जरिये सरकार को राजस्व वृद्धि, नागरिकों को बेहतर सुविधाएं और उद्योगों को आसान निवेश का रास्ता मिलेगा। यह निर्णय शहरी विकास की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है।
Updated on:
07 Jul 2025 08:13 am
Published on:
07 Jul 2025 08:12 am
बड़ी खबरें
View Allलखनऊ
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
