11 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

उत्तर प्रदेश को जल्द ही बरेली में मिल सकती है दूसरी वाइनरी

ईकोटूरिज्म को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नए साल पर, मार्च 2023 तक उत्तर प्रदेश वासियो को शराब का स्वाद लेने के लिए , प्राकृतिक खूबसूरती का एक माहौल देने की तैयारी आबकारी विभाग कर रहा है। 

2 min read
Google source verification

लखनऊ

image

Ritesh Singh

Dec 23, 2022

प्राकृतिक खूबसूरती के साथ शराब पीने का मज़ा

प्राकृतिक खूबसूरती के साथ शराब पीने का मज़ा

मुजफ्फरनगर के बाद प्रदेश में बरेली में एक और वाइनरी यानी (शराब की भठ्ठी, कारखाने ) शुरू होने जा रही है। बरेली में जैविक खेत के एक मालिक ने अपनी 40 एकड़ भूमि पर इकाई स्थापित करने के लिए प्रदेश सरकार को प्रस्ताव दिया है। मुजफ्फरनगर में पहली वाइनरी के प्रस्ताव को सरकार ने 23 सितंबर को मंजूरी दी थी। बरेली में प्रस्तावित वाइनरी में होमस्टे का विकल्प भी होगा और ईको-टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा।

साल में बनेगी दो लाख लीटर शराब

इससे 15 करोड़ रुपये का निवेश होने और 25 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलने की उम्मीद है। यहां एक साल में 2 लाख लीटर शराब बनाने की अनुमति मांगी गई है। बरेली के भांडसर में फार्म के मालिक अनिल कुमार साहनी ने कहा कि हम अपने फार्म पर दो दर्जन से अधिक व्यक्तियों को रोजगार देने के अलावा 100 से अधिक व्यक्तियों के लिए अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा करेंगे।

ईकोटूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए यूरोप से मिली प्रेरणा

साहनी ने कहा कि हम पहले से ही अपने फॉमूर्लेशन को अंतिम रूप दे चुके हैं और एक ऐसे प्रतिष्ठान के निर्माण की उम्मीद कर रहे हैं। जहां लोग आ सकते हैं, शराब का स्वाद ले सकते हैं, भोजन कर सकते हैं और खेतों में रह सकते हैं। हम यूपी में ईकोटूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए यूरोप से प्रेरणा ले रहे हैं।आबकारी विभाग ने सरकार के समक्ष आवेदन को फास्ट ट्रैक करने की अनुशंसा पहले ही कर दी है।

किसानों के लिए फायदे का सौदा

आबकारी आयुक्त सेंथिल सी पांडियन ने कहा कि हम यह सुनिश्चित करने के लिए सभी उपाय कर रहे हैं कि अगले साल 31 मार्च से पहले यहां शराब का उत्पादन शुरू हो जाए। सरकार ने इस साल यह नीति पेश की, ताकि उन किसानों की मदद की जा सके जो अपने माध्यम से उत्पादित फलों और सब्जियों का उचित मूल्य पाने में असमर्थ हैं।