8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

School Fee Increase: प्रदेश में स्कूलों ने बढ़ा दिया 30 फीसदी फीस, जानिए फीस पर क्या है स्कूलों का खेल

Uttar Pradesh School Update: हाल ही में सरकार ने स्कूलों को पांच फीसदी फीस बढ़ाने की अनुमति दी। लेकिन कुछ स्कूलों ने मनचाही 30 फीसदी तक फीस बढ़ा डाली। इतना ही नहीं फीस के चक्कर एक-एक महीने का शेड्यूल जारी कर खेल कर रहे।

2 min read
Google source verification

लखनऊ

image

Snigdha Singh

Apr 14, 2022

Uttar Pradesh Schools Increased Fees Maximum 30 percent

Uttar Pradesh Schools Increased Fees Maximum 30 percent

शासन के आदेश को दरकिनार करते हुए प्रदेश के कई प्राइवेट स्कूलों ने 30 फीसदी तक फीस में वृद्धि कर दी है। शासनादेश में शर्तों के साथ सिर्फ पांच फीसदी शुल्क बढ़ाने के आदेश थे। अहम बात है कि इस खेल को पकड़ा न जाए, इसके लिए किसी ने एक तो किसी ने दो माह की फीस का शेड्यूल जारी किया है। आमतौर पर स्कूल तिमाही शुल्क लेते हैं। जो शासनादेश जारी किया गया उसमें सत्र 2019-20 को आधार मानते हुए डीए आधारित पांच फीसदी फीस बढ़ाने की अनुमति दी गई थी। अधिक शुल्क वृद्धि पर अभिभावकों ने नाराजगी जतानी शुरू कर दी है।

स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन के प्रभारी कृष्ण कुमार दुबे के मुताबिक कानपुर, उन्नाव, लखनऊ और फतेहपुर समेत कई जिलों में कुछ स्कूलों ने मनचाही फीस बढ़ाने की शिकायतें मिली है। 30 फीसदी तक वृद्धि की पोल न खुले इसके लिए स्कूलों ने फिलहाल बिना मद बताए एक माह की फीस मांगी गई है। कुछ स्कूलों ने दो-दो माह की फीस मांगी है, जिसमें शासनादेश का हवाला दिया गया है। पर आदेश के अनुसार पांच फीसदी से कहीं ज्यादा फीस मांगी है। एक स्कूल ने नोटिस में ही लिखा है कि शासनादेश के अनुसार दस फीसदी फीस बढ़ाई जा रही है। फीस वृद्धि पांच प्रतिशत ही करने का आदेश है। बता दें 30 फीसदी फीस बढ़ाने वाले ज्यादातर छोटे विद्यालय हैं, जिनका शुल्क धनराशि के हिसाब से कम था।

यह भी पढ़े -खाते में आए पैसे को डकर गए पापा, अब फटी यूनिफॉर्म में स्कूल पहुंच रहे बच्चे

पिछले आदेश भी नहीं माने

कई स्कूल ऐसे हैं जो सत्र 2020-21 और 2021-22 में बिजली जैसी मदों में धनराशि लेते रहे हैं। इस पर शासन ने पूरी तरह रोक लगाई थी। स्कूलों को उन सभी मदों में फीस नहीं लेनी थी जिसका कोराना काल के दौरान कोई उपयोग नहीं था जैसे बिजली, कन्वेंस और खेलकूद आदि। स्कूल इस शुल्क को समायोजित भी नहीं करना चाहते हैं।

फीस का आगे करना होगा समायोजन

यदि किसी स्कूल ने शासनादेश से पहले शुल्क ले लिया है और वह पांच फीसदी से अधिक है तो उसे आगे समायोजित करना होगा। कई स्कूलों ने बिना बिल बुक दिए शुल्क के नाम पर धनराशि पहले ही जमा करा ली थी। कई ने प्रवेश के समय ही अतिरिक्त फीस ले ली है।

यह भी पढ़े - घर बैठे करें बिजली की शिकायत, नहीं हो सुनवाई तो विभाग देगा मुआवजा

ऐसे बढ़ाई जा सकती है फीस

सत्र 2022-23 के लिए शासनादेश के अनुसार शुल्क वृद्धि नवीनतम उपलब्ध वार्षिक प्रतिशत बढ़े हुए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के साथ छात्रों से वसूल किए गए पांच प्रतिशत शुल्क से अधिक नहीं होगी। सत्र 2022-23 में वार्षिक फीस वृद्धि की गणना किए जाते समय वर्ष 2020-21 और 2021-22 में शुल्क वृद्धि की काल्पनिक गणना नहीं की जाएगी और न ही उसे फार्मूले में जोड़ा जाएगा।

अभिभावक यहां करें शिकायत

स्कूल शुल्क वृद्धि में मनमानी करते हैं तो अभिभावक इसकी शिकायत डीआईओएस कार्यालय में कर सकते हैं। सुनवाई जिला शुल्क नियामक कमेटी करेगी। इसे उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क विनियमन) के तहत रखा गया है। शिकायत के लिए अभिभावक को सबसे पहले स्कूल को 15 दिन का नोटिस देना होगा। यदि स्कूल सुधार नहीं करता है तो जिला समिति से शिकायत की जाएगी। जिला समिति के निर्णय के बाद मंडल स्तरीय कमेटी सुनवाई कर निर्णय देती है।

यह भी पढ़े - डेढ़ लाख की पिस्टल मिल रही है सिर्फ 10 हजार में, आपको भी चाहिए तो यहां करें संपर्क