
हरिओम द्विवेदी
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
लखनऊ. UP Vidhan Parishad Seats. अगले माह 5 जुलाई को उत्तर प्रदेश विधान परिषद की चार सीटें खाली हो रहीं हैं। यह सभी सीटें समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के कोटे की हैं। मनोनयन कोटे की इन सीटों के खाली होने से सबसे ज्यादा नुकसान में सपा ही रहेगी। अभी उच्च सदन में सपा की सदस्य संख्या 51 है जो घटकर 47 रह जाएगी। वहीं, भाजपा (Bhartiya Janta Party) की सदस्य संख्या 32 से बढ़कर 36 हो जाएगी। फिलहाल, विधान परिषद में भारतीय जनता पार्टी बहुमत से करीब 18 सीट पीछे है। रिक्त सीटों पर राज्यपाल शिक्षा, साहित्य, मनोरंजन, पत्रकारिता, समाजसेवा और राजनीति आदि क्षेत्र के ख्यातिलब्ध व्यक्ति को मनोनीत करेंगी।
पांच जुलाई को जिन चार सदस्यों का कार्यकाल पूरा हो रहा है। उनमें समाजवादी पार्टी की लीलावती कुशवाहा, रामवृक्ष सिंह यादव, एसआरएस यादव और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के समधी जितेन्द्र यादव शामिल हैं। अखिलेश सरकार में इन सभी को मनोनयन के बाद विधान परिषद भेजा गया था।
यूपी विधान परिषद में 100 सीटें
विधान परिषद सदस्यों का दर्जा विधायक के ही समकक्ष होता है। यूपी विधान परिषद में 100 सीटे हैं। प्रदेश में 403 विधानसभा सदस्य हैं। ऐसे में यूपी विधान परिषद में 134 से ज्यादा सदस्य नहीं हो सकते हैं। इसके अलावा विधान परिषद में कम से कम 40 सदस्य होना जरूरी है।
विधान परिषद में दलीय स्थिति
समाजवादी पार्टी- 51
भारतीय जनता पार्टी- 32
बहुजन समाज पार्टी- 06
कांग्रेस- 02
अपना दल (एस)- 01
शिक्षक दल- 01
निर्दलीय समूह- 02
निर्दलीय- 03
रिक्त सीटें- 02
Updated on:
12 Jun 2021 04:52 pm
Published on:
12 Jun 2021 04:20 pm
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