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बनारस वासियों को नए साल में मिलेगा हेरिटेज म्यूजियम का तोहफा

यूपी के पर्यटन विभाग को तलाश है ऐसी पुरानी मजबूत हवेली की जिसमे सबसे भव्य और अनोखा संग्रहालय बनाया जा सके। इसके लिए विभाग के अधिकारी को जारी हो चुके हैं निर्देश

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लखनऊ

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Ritesh Singh

Dec 19, 2022

 2023 में मिलेगा तोहफा

2023 में मिलेगा तोहफा

वाराणसी में अगले साल 2023 में 100 करोड़ रुपये की लागत से एक भव्य विरासत संग्रहालय बनाया जाएगा। अधिकारियों ने कहा कि यह शहर में पहले से मौजूद कई संग्रहालयों से अलग होगा। यूपी पर्यटन की उप निदेशक प्रीति श्रीवास्तव ने कहा कि विरासत संग्रहालय न केवल लोगों को काशी के इतिहास में झांकने का मौका देगा, बल्कि पुरानी परम्परा और संस्कृति को दिखाने का काम करेगा। उन्होंने कहा कि अगर सब ठीक रहा तो अगले साल तक विरासत संग्रहालय तैयार हो जाएगा।

पर्यटन विभाग को है तलाश, हवेली की

यह काशी की पुरानी रीति -रिवाजों और संस्कृति को उजागर करेगा और लोगों को अतीत के बारे में शिक्षित करेगा। इसको बनाने के लिए पर्यटन विभाग वाराणसी में एक पुरानी हवेली की तलाश कर रहा है। अधिकारियों ने कहा कि पहले के संग्रहालय, वास्तुकला, विरासत, दस्तावेजों, सभ्यताओं के महत्वपूर्ण तथ्यों, पुराने मंदिरों के इतिहास को दिखाने और उसके रखरखाव पर ध्यान देगा । यह एक अत्याधुनिक संग्रहालय होगा। जिसमें आने वाले सभी लोगों को ऐसा अनुभव होगा कि जो संस्कृति,सभ्यता को देखा नहीं उसका अनुभव करेंगे। उसी तरह से संग्रहालय को डिजाइन किया जाएगा और इसमें एक ऑडियो विजुअल सेक्शन भी होगा।

वाराणसी में पहले से हैं कई संग्रहालय

बनारस में कई संग्रहालय हैं। इनमें रामनगर फोर्ट संग्रहालय में भारत कला भवन, गंगा नदी के तट पर रामनगर किले के अंदर स्थित एक अन्य संग्रहालय है, जो महाराजाओं के काल की कलाकृतियों को उजागर करता है। हस्तकला संकुल, एक शिल्प संग्रहालय है जो काशी के हस्तशिल्प के इतिहास को दिखाता है। मान महल में स्थित एक अन्य संग्रहालय बहुत ही अनोखा है, जो डिजिटल ढंग से चीजों को दिखाता है।

सारनाथ में स्थित सारनाथ संग्रहालय है, जिसमें तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व से बारहवीं शताब्दी ईस्वी तक की 6 हजार से अधिक प्राचीन वस्तुओं को दिखाया गया है। एक काशी धाम संग्रहालय, सांस्कृतिक ज्ञान का एक अन्य स्रोत और एक लाल बहादुर शास्त्री परिवार गृह संग्रहालय भी है। जो पूर्व प्रधान मंत्री का घर है और अब एक संग्रहालय में बदल चुका है।