24 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

जानिए सूबे में BJP के CM चेहरे के लिए सबसे फिट क्यों है वरुण गाँधी

बीजेपी खेमे में राजनाथ और योगी आदित्यनाथ की चर्चा हो रही है वहीं फिलहाल वरुण गांधी इन सब पर भारी पड़ते दिख रहे हैं। आइये आपको रूबरू कराते हैं इसके पीछे की वजहों से।

4 min read
Google source verification

image

Dikshant Sharma

Aug 17, 2016

varun gandhi

varun gandhi


लखनऊ. सूबे में चुनावी बिगुल की गूँज हर
राजनैतिक दल के मुख्यालयों में सुनाई देनी लगी है। हर दल अपना सपना सजाए
हुए है।
समाजवादी पार्टी फिर से सत्ता में आने का, कांग्रेस 'सियासी वनवास' खत्म कर
अपना दम खम दिखाने तो बसपा-भाजपा भी सूबे में वजीर-ए-आलम की कुर्सी पर
नज़रें गड़ाई बैठी है। वही लगातार आरएसएस और भाजपा यूपी में फतेह हासिल करने
के लिए हर संभव दांव खेल रही है। काशी से सांसद प्रधानमंत्री मोदी के लिए
यूपी में जीत
प्रतिष्ठा का विषय बना हुआ है। ज़ाहिर है विधानसभा चुनाव में मोदी के चेहरे
पर पार्टी ने 2014 लोकसभा चुनाव जैसे वापसी की विदेशी ताकतें भी भारत की
लोहा मानाने लगी हैं। बेशक केंद्र में पार्टी की स्थिति जो हो देश के सबसे
बड़े राजनैतिक सूबे में बीजेपी की
राहें आसान नहीं है। चुनाव से ठीक पहले राजनैतिक पलायन मौजूदा समीकरणों को
किसी भी ओर पलट सकता है। आलम यह है कि हर पार्टी अपने पक्के वोट बैंक को और
पक्का करने में जुटी है। हर पार्टी के सर चुनाव में हार का डर है।

वही
चुनाव से पहले सीएम कैंडिडेट को घोषित करने का मन बना चुकी बीजेपी के लिए
किसी एक चेहरे पर हामी भरना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। जहां बीजेपी खेमे
में स्मृति ईरानी, राजनाथ सिंह और योगी आदित्यनाथ की चर्चा हो रही है वहीं फिलहाल
वरुण गांधी इन सब पर भारी पड़ते दिख रहे हैं। आइये आपको रूबरू कराते हैं
इसके पीछे की वजहों से।

लोगों की पहली पसंद हैं वरुण
उत्तर
प्रदेश में संघ और भाजपा के सर्वे में 50 फीसदी लोगों ने वरुण गांधी के
नाम पर मुहर लगाई, जबकि राजनाथ सिंह को 32 फीसदी, कल्याण सिंह को 10 फीसदी
और योगी आदित्यनाथ व उमा भारती जैसे नेताओं को सिर्फ तीन फीसदी लोगों ने
मुख्यमंत्री के रूप में पहली पसंद बताया। भाजपा के वरिष्ठ नेता के मुताबिक,
सीएम कैंडिडेट को लेकर लोगों की राय जानने के लिए 42 जिलों में यह सर्वे
गुपचुप तरीके से कराया, जिसमें लोगों ने वरुण गांधी के नाम पर मुहर लगाई।

अखिलेश का जवाब हैं वरुण गांधी
सूबे के मौजूदा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को युवा और पढ़ा-लिखा उम्मीदवार बताकर चुनावी मैदान में उतरा गया था। इसका असर भी दिखा। ऐसे में बीजेपी वरुण गांधी को सीएम कैंडिडेट के तौर पर
चुनकर सपा को करारा जवाब दे सकती है। बतादें वरुण गांधी अभी 32 साल के हैं साथ ही पढ़े-लिखे और यंग विजनरी भी हैं।

जनता के चहेते हैं वरुण
वरुण
गांधी के जनसभाओं में खासी भीड़ उमड़ती है। विधानसभा चुनाव की बिगुल बजते
ही कई उनके समर्थकों ने पोस्टर के जरिए और प्रदर्शन कर उन्हें यूपी में
सीएम कैंडिडेट बनाने की मांग करते रहे हैं, जिसे पार्टी आलाकमान भी अच्छे
तरीके से जानता है।

विजनरी हैं वरुण गांधी
वरुण
गांधी अपने भाषणों में अधिकतर आर्थिक समानता और किसानों के हित की बात
करते हैं। इसके अलावा तमाम फेमस मीडिया हाउसेज उनके लेख छपते रहते हैं। गौर
करने वाली बात यह है कि उनके ज्यादातर लेख इंडियन इकोनॉमी जैसे गंभीर
मुद्दों पर होते हैं, जिसमें वह आर्थिक समानता की बात करते हैं।

इस मामले में भी टॉप पर हैं वरुण
मोदी
सरकार के गठन के बाद से वरुण गांधी ने पार्टी की तरफ से लोकसभा में सबसे
अधिक बार सवाल पूछे हैं। सुल्तानपुर से भाजपा सांसद वरुण गांधी ने कुल 254
सवाल पूछे हैं जो किसी भी यूपी में भाजपा सांसद की तरफ से पूछे गए सबसे
अधिक सवालों की संख्या है। वहीं, लोकसभा में सवाल पूछने के मामले में सपा
के बदायूं से सांसद धर्मेंद्र यादव (512 सवाल) टॉप पर हैं।

मोदी के इस मानक पर भी खरे उतरते हैं वरुण
2014
के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के पीछे सोशल नेटवर्किंग साइट का भी खासा
योगदान था। यही कारण है कि पीएम मोदी और अमित शाह चाहते हैं कि यूपी में
आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी का कैंपेन वाया सोशल मीडिया भी चले। इसे
देखते हुए सांसदों और विधायकों को सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने की नसीहत दी
जा चुकी है। वरुण गांधी केंद्रीय नेतृत्व के इस मानक पर भी खरे उतरते हैं।
उनके फेसबुक पेज पर 35 लाख से भी अधिक फॉलोवर्स हैं, वहीं वरुण गांधी
ट्विटर पर भी खासे एक्टिव रहते हैं।

गांधी परिवार के हैं वरुण
36
वर्षीय वरुण गांधी संजय गांधी और केंद्रीय मंत्री वरुण गांधी के बेटे हैं।
इसके अलावा वह भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पोते और
देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के परपोते हैं।

वरुण गांधी का पॉलिटिकल करियर
-
1999 में पहली बार वरुण गांधी का नाम सार्वजनिक तौर पर तब सामने आया, जब
पीलीभीत लोकसभा से चुनाव लड़ रहीं मेनका गांधी के चुनाव प्रचार में
उन्होंने हिस्सा लिया।
- 2004 में जब मेनका गांधी भाजपा में
शामिल हुईं और पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा। वरुण गांधी ने तब 40 से अधिक
विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव प्रचार किया।
- 2009 के लोकसभा
चुनाव में वरुण गांधी ने पहली बार भाजपा के टिकट पर पीलीभीत से अपनी किस्मत
आजमाई और रिकॉर्ड मतों (419,539 votes) से जीत हासिल की।
- 2013
में राजनाथ सिंह ने वरुण गांधी को भाजपा राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त किया।
इसी के साथ ही वरुण पार्टी के पहले सबसे कम उम्र के राष्ट्रीय महासचिव बनने
का गौरव हासिल किया।
- 2014 के आम चुनाव में वह सुल्तानपुर से भाजपा सांसद बने।

ये भी पढ़ें

image