
Vivek Tiwari
लखनऊ. विवेक तिवारी मामले में यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ व यूपी डीजीपी ओपी सिंह ने दोषी दो कॉंस्टेबलों और उनका समर्थन करने वालों पर कोई भी कोताही नहीं बरतने की बात कही थी, लेकिन लगता है उसका असर अब खत्म होता दिख रहा है। शुक्रवार को दोषी प्रशांत चौधरी व संदीप सिंह को सीजेएम कोर्ट ने पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। इस दौरान उनसे मामले में और गहनता से पूछताछ होगी, वारदात के दिन इस्तेमाल किए गए डंडे को भी बरामद किया जाएगा व साथ ही घटनाक्रम का दोबारा रीक्रिएशन भी होगा। दूसरी इनके समर्थन में उतरे और 5 अक्टूबर को काली पट्टी बांधकर योगी सरकार के विरोध में काला दिवस मनाने वाले सिपाहियों को बड़ी राहत दे दी गई है।
लखनऊ के सिपाहियों ने बांधी थी काली पट्टी-
विवेक तिवारी हत्याकांड में बीते दिनों लखनऊ के चार पुलिस थानों के सिपाहियों ने काली पट्टी बांधकर प्रशांत चौधरी के समर्थन में यूपी सरकार के खिलाफ विरोध किया था। सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीरें भी खूब वायरल हुई थी। 5 अक्टूबर को नाका थाने पर तैनात जितेंद्र वर्मा, अलीगंज के सुमित कुमार, गुडंबा में तैनात गौरव चौधरी व गंज कोतवाली में तैनात आरक्षी बृजेश तोमर को तत्काल ऐसा करने के लिए निलंबित कर दिया गया था। ऐसा कर पुलिस के आलाकमान का संदेश साफ था कि दोषियों का साथ देने वालों पर सख्त एक्शन लिया जाएगा। लेकिन इसको हफ्ता भर ही बीता था कि इन सिपाहियों को ड्यूटी पर वापस बुला लिया गया।
सिपाहियों को कर दिया गया बहाल-
दोषी सिपाहियों के पक्ष में मुहिम छेड़ने वाले निलंबित चारों सिपाहियों को आज बहाल कर दिया गया है। एसएसपी कलानिधि नैथानी ने एक बयान में कहा अनुशासनहीनता और लापरवाही में 5 अक्तूबर को निलंबित किए गए नाका थाने पर तैनात जितेंद्र वर्मा, अलीगंज के सुमित कुमार, गुडंबा में तैनात गौरव चौधरी व गंज कोतवाली में तैनात आरक्षी बृजेश तोमर के माफी मांगने के बाद उनके भविष्य का ध्यान करते हुए उन्हें बहाल कर दिया गया है। इसी के साथ उन्होंने आगे कहा कि चारों सिपाहियों को अनुशासन के साथ अपनी ड्यूटी के निर्वहन की हिदायत दी गई है।
Updated on:
13 Oct 2018 04:53 pm
Published on:
13 Oct 2018 04:44 pm
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