
vivek prashant
लखनऊ. विवेक तिवारी हत्याकांड में आरोपी बर्खास्त सिपाही प्रशांत चौधरी और संदीप सिंह की मुसीबतें बढ़ती हुई दिख रही हैं। दोनों आरोपियों को पुलिस कस्टडी रिमांड पर दिए जाने की मांग वाली अर्जी पर आज लखनऊ की सीजेएम कोर्ट में सुनवाई हुई। आरोपियों की ओर से सुनवाई के लिए समय दिए जाने की मांग पर प्रभारी सीजेएम हिमांशु दयाल श्रीवास्तव ने 12 अक्तूबर की तारीख तय की थी।
इससे पहले गुरुवार को अर्जी पर सुनवाई के लिए दोनों आरोपियों को जेल से लाकर कोर्ट में पेश किया गया था जहां विवेचक की ओर से उन्हें रिमांड पर दिए जाने की मांग वाली अर्जी दी गई थी। इस पर आरोपियों ने कहा कि अर्जी पर सुनवाई के लिए समय दिया जाए, जिसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए अगली तारीख घोषित करते हुए उन दोनों आरोपियों को जेल से तलब कर दिया।
दोनों आरोपी भेजे गए पुलिस रिमांड पर-
आज विवेक तिवारी हत्याकांड के दोनों आरोपी पुलिसकर्मियों की रिमांड जांच अधिकारी व विवेचक इंस्पेक्टर महानगर को मिल गई है। बर्खास्त सिपाही प्रशांत व संदीप 15 अक्टूबर तक पुलिस रिमांड पर रहेंगे। इस दौरान पुलिस घटना में इस्तेमाल किए गए डंडे की बरामदगी करेगी साथ ही क्राइम सीन को दोबारा रिक्रिएट भी किया जाएगा।
विवेक की पत्नी को मिले नियुक्ति पत्र-
जहां दोनों आरोपियों को सजा दलाए जाने की कवायद तेज कर दी गई है, वहीं मृतक विवेक तिवारी के परिवार को हर संभव मदद पहुंचने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। पूर्व में सरकार की ओर से विवेक के परिवार को 40 लाख रुपए दिए गए थे, जिसमें पत्नी को 25 लाख व मां और दोनों बेटियों को 5-5 लाख रुपए दिए गए थे। वादे अनुसार गुरुवार को कल्पना तिवारी को नगर निगम में ओएसडी (विशेष कार्य अधिकारी) के पद पर नौकरी मिल गई है। जिसका नियुक्ति पत्र प्रदेश के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने उनके घर में उन्हें सौंपा।
29 सितंबर की रात को अपनी एसयूवी कार में सवार एप्पल के एरिया मैनेजर विवेक तिवारी को कॉंस्टेबर प्रशांत चौधरी ने गाड़ी न रोकने के चलते उनपर गोली चला दी थी जिससे उनकी मौत हो गई थी।
Published on:
12 Oct 2018 06:37 pm
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