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Weather Alert: उत्तर प्रदेश में इस बार कम सर्दी पड़ने के आसार, लखनऊ की हवा फिर हुई खराब: बच्चों और बुजुर्गों के लिए खतरे की घंटी

Weather Alert:  उत्तर प्रदेश में इस बार सर्दी का असर कम रहने की संभावना है, क्योंकि मौसम विभाग के अनुसार इस साल सर्दी कम पड़ेगी। इससे पहले लखनऊ और आसपास के इलाकों में तापमान में कमी आई थी, लेकिन अब की बार सर्दी का असर हल्का रहने की संभावना जताई जा रही है। मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले दिनों में तापमान में गिरावट के साथ सर्दी बढ़ सकती है, लेकिन अत्यधिक ठंडे हालात की संभावना नहीं है।  

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लखनऊ

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Ritesh Singh

Dec 03, 2024

Rajasthan Weather Alert

Rajasthan Weather Alert

Weather Alert: उत्तर प्रदेश इस वर्ष सर्दी कम रहने की संभावना जताई जा रही है, लेकिन इसके साथ ही लखनऊ और उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है। राजधानी लखनऊ की हवा की गुणवत्ता खराब हो गई है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना कर रहे लोग विशेष रूप से प्रभावित हो रहे हैं। सोमवार को लखनऊ के छह वायु प्रदूषण मापक स्टेशनों में से दो स्थानों अलीगंज और लालबाग में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) लाल श्रेणी में दर्ज किया गया, जो कि बेहद खतरनाक माना जाता है। इस स्तर की हवा सांस की बीमारियों, हृदय रोग, और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ावा देती है।

वायु गुणवत्ता सूचकांक के अनुसार, लखनऊ में प्रदूषण का स्तर

अलीगंज और लालबाग: इन दोनों स्थानों पर वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) लाल श्रेणी में दर्ज किया गया, जो बेहद खराब है। इस प्रकार की हवा बच्चों, बुजुर्गों और सांस के रोगियों के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न कर सकती है। ऐसे में स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इन क्षेत्रों के निवासियों को बाहर निकलने से बचने और मास्क पहनने की सलाह दी है।

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गोमतीनगर, बीबीएयू और कुकरैल: इन क्षेत्रों में हवा की गुणवत्ता पीली श्रेणी में दर्ज की गई, जिसका मतलब है कि हवा मध्यम स्तर की है। हालांकि यह कुछ हद तक सुरक्षित मानी जाती है, फिर भी खासकर संवेदनशील वर्गों जैसे कि बच्चों, वृद्धों और सांस की समस्याओं से जूझ रहे लोगों के लिए यह हानिकारक हो सकती है।

सर्दी में कमी और बढ़ता प्रदूषण

इस बार मौसम विभाग का कहना है कि इस वर्ष उत्तर प्रदेश में सर्दी का प्रभाव अपेक्षाकृत कम रहने की संभावना है। कम सर्दी के कारण प्रदूषण की समस्या बढ़ने का खतरा है, क्योंकि ठंडे मौसम में प्रदूषकों को वातावरण में फैलने और बैठने का मौका मिलता है। कम तापमान और हवा की दिशा प्रदूषण के संचलन को प्रभावित करती है, जिससे हानिकारक तत्व वायु में बने रहते हैं। इसके अलावा, शहरी इलाकों में निर्माण कार्य, वाहनों से निकलने वाला धुंआ, और कृषि अवशेषों को जलाने जैसी गतिविधियां भी प्रदूषण को बढ़ावा देती हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि

वायु प्रदूषण के असर: प्रदूषण के प्रभावों से बचने के लिए, खासकर बच्चों, वृद्धों और अस्थमा या सांस की बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों को अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। ऐसे में इन वर्गों के लोगों को बाहर जाने से बचने और एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करने की सलाह दी जा रही है।
स्वास्थ्य पर प्रभाव: लखनऊ और अन्य शहरी क्षेत्रों में बढ़ता प्रदूषण दिल, फेफड़े और अन्य अंगों के लिए खतरनाक हो सकता है। इससे दमा, ब्रोंकाइटिस, एलर्जी और अन्य शारीरिक समस्याओं का खतरा बढ़ता है।

लखनऊ में प्रदूषण की स्थिति

लखनऊ में प्रदूषण के स्तर का एक प्रमुख कारण वाहनों की संख्या में वृद्धि, फैक्ट्रियों से होने वाला धुंआ, और जलवायु परिवर्तन के कारण प्रदूषण की दिशा में बदलाव है। शहर के कई इलाकों में दिन-प्रतिदिन वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में गिरावट देखी जा रही है। इससे न केवल सांस लेने में कठिनाई होती है, बल्कि त्वचा पर भी असर पड़ता है और आंखों में जलन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

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अलीगंज और लालबाग में हवा की गुणवत्ता खराब होने से स्वास्थ्य जोखिम बढ़ गए हैं। विशेष रूप से उन लोगों के लिए यह और भी खतरनाक हो सकता है जिनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर है। गोमतीनगर और कुकरैल जैसे इलाकों में हवा की गुणवत्ता मध्य श्रेणी में होने के बावजूद, लंबे समय तक इस तरह की हवा में रहना भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।

सर्दी में कमी के कारण प्रदूषण पर असर

इस बार सर्दी के मौसम में सामान्य से कम ठंड महसूस होने के कारण प्रदूषण में बढ़ोतरी हो सकती है। जब तापमान कम होता है, तो प्रदूषक तत्व ज्यादा देर तक हवा में बने रहते हैं और फैलते रहते हैं। कम सर्दी के कारण प्रदूषण के कणों को वातावरण में ऊपर उठने का कम मौका मिलता है, जिससे हवा में ताजगी का अहसास नहीं होता और प्रदूषण की समस्या गंभीर हो जाती है।

उपाय और सुझाव

स्वास्थ्य सुरक्षा: वायु प्रदूषण से बचने के लिए घर के अंदर रहना और बाहर जाने से पहले मास्क पहनना आवश्यक है। इसके अलावा, घरों में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है।
वाहन कम चलाना: वाहनों से निकलने वाले प्रदूषक धुएं को कम करने के लिए अधिक सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
कृषि अवशेषों की जलने पर रोक: कृषि अवशेषों को जलाने से होने वाले प्रदूषण पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।
संवेदनशील लोगों को विशेष ध्यान: बच्चों, बुजुर्गों और सांस के रोगियों को अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है, और यदि बाहर जाना हो तो विशेष सुरक्षा उपायों का पालन करें।

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प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन चुका है, जो जीवन को कई तरह से प्रभावित कर सकता है। लखनऊ सहित उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में बढ़ते प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए, लोगों को अपनी सेहत का ख्याल रखना जरूरी है। सरकार और समाज दोनों को मिलकर प्रदूषण कम करने के उपायों पर काम करना चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की समस्याओं से निपटा जा सके।