
प्रतीकात्मक तस्वीर
What is Digital Rape: अक्सर खबर सामने आती है कि फलाने जगह किसी के साथ डिजिटल रेप हुआ है। डिजिटल शब्द होने से लगता है कि इसका मतलब किसी महिला को सोशल मीडिया या वीडियो कॉल पर तंग करने से हो सकता है। लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। आखिर डिजिटल रेप क्या है? आइए जानते हैं इसको विस्तार से।
डिजिटल रेप का मतलब यह नहीं कि किसी लड़की या लड़के का शोषण इंटरनेट के माध्यम से किया जाए। यह शब्द दो शब्द डिजिट और रेप से बना है। अंग्रेजी के डिजिट का मतलब जहां अंक होता है, वहीं अंग्रेजी शब्दकोश के मुताबिक उंगली, अंगूठा, पैर की उंगली, इन शरीर के अंगों को भी डिजिट से संबोधित किया जाता है।
युवती के प्राइवेट पार्ट में फिंगर्स इस्तेमाल किया जाता है
अगर कोई शख्स किसी महिला की सहमति के खिलाफ उसके निजी अंगों में अपनी उंगली यानी डिजिट डालता है या उंगली से अंग को छूता है तो इसको डिजिटल रेप कहा जाता है। डिजिटल रेप से जुड़ी घटनाओं में किसी युवती के प्राइवेट पार्ट में फिंगर्स, अंगूठे या हाथ का इस्तेमाल किया जाता है।
रेप और डिजिटल रेप में जो सबसे बेसिक फर्क है रिप्रोडक्टिव आर्गन के इस्तेमाल का। वैसे कानून की नजर में रेप तो रेप है, उसमें कोई फर्क नहीं है। साल 2013 से पहले किसी महिला के निजी अंग में उंगली डालना रेप की श्रेणी में नहीं आता था। लेकिन लेकिन निर्भया केस के बाद इसे रेप की कैटेगरी में जोड़ा गया।
आजीवन कारावास की सजा भी हो सकती है
डिजिटल रेप केस में जो सजा सुनाई जाती है। उसमें धारा 354 और 376 के तहत केस दर्ज किया जाता है। यदि पीड़िता नाबालिग है तो पॉक्सो एक्ट भी लगाया जाता है। भारत के कानून के अनुसार, डिजिटल रेप के मामले में आरोपी को कम से कम पांच साल तक जेल की सजा होती है। कुछ मामलों में तो यह सजा 10 साल तक की हो सकती है। अगर डिजिटल रेप के साथ अन्य धारएं भी लगीं हैं तो ऐसे मामलों में आजीवन कारावास की सजा भी हो सकती है।
Published on:
16 May 2023 01:29 pm
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