मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों में भारी बारिश और बिजली गिरने की चेतावनी जारी की है। इसके बाद सुलतानपुर जिला प्रशासन ने लोगों के लिए चेतावनी जारी करते हुए कहा कि मौसम खराब होने की दशा में अगर खेतों में काम कर रहे हों तो घर चले जायें। बारिश से बचने के लिए किसी पेड़ के नीचे खड़ा न हों। इससे दैवीय आपदा से बचा जा सकता है।
– घर के अंदर बिजली उपकरणों के प्लग निकाल देने चाहिए।
– घर के अंदर रहें। खिड़की, दरवाजे बंद रखें और उनसे दूर रहें।
– घर में नल आदि को छूने बचें, बहते पानी से भी दूर रहें।
– पेड़ के नीच न खड़े हों। भीड़ से भी बचें।
– बिजली और टेलीफोन लाइन से दूर रहें।
– स्विमिंग पूल, झील, नदी और तालाब आदि से बाहर निकलें।
– अगर आप कार, बस और अन्य कवर्ड वाहन में हैं तो अंदर ही रहें।
– अगर खुले आसमान के नीचे हैं तो दोनों पैरों को एक साथ कर सिर झुकाकर बैठ जाना चाहिए।
– खेत में हैं तो सूखी जमीन में रहें और पैरों को मिलाकर सिर झुकाकर बैठ जाएं। लेटें नहीं।
– साइकिल, ट्रैक्टर और धातु से बने अन्य उपकरणों को न छुएं।
– रबर सोल और रबर के टायर बिजली से सुरक्षा नहीं देते हैं, इनसे दूर रहें।
– असर कई किलोमीटर तक हो सकता है।
– किसी की भी जान जा सकती है।
– बिजली आपूर्ति ठप हो सकती है।
– जंगल में आग लग सकती है।
– कच्चे घरों को भारी नुकसान
– बिजली गिरने की गति 1,50,000 डेढ़ लाख किलोमीटर प्रति सेकेंड होती है।
– पृथ्वी पर बिजली गिरने की घटना प्रति सेकेंड में 50 से 100 बार होती है। क्यों गिरती है आकाशीय बिजली?
आसमान में बादलों का हवा के वेग से एक-दूसरे से विरोधी दिशा में जाते हुए टकराना व इससे घर्षण उत्पन्न होना। घर्षण से विद्युत पैदा होती है। जब जब घर्षण से उत्पन्न विद्युत के लिए आसमान की बूंदों में से भी प्रवाह नाकाफी रहता है तो यह पृथ्वी पर कंडक्टर (संचालक) तलाशती है, जहां से वह गुजर सके। बिजली के खंबे आकाशीय बिजली के लिए कंडक्टर का काम करते हैं, लेकिन कोई जीवधानी (मनुष्य/पशु) उसके लिए सबसे बढ़िया कंडक्टर का काम करता है।