लखनऊ. ऐ मेरे वतन के लोगों जरा आंख में भर लो पानी, जो शहीद हुए हैं उनकी जरा याद करो कुर्बानी... गणतंत्र दिवस का मौका हो या स्वतंत्रता दिवस का, यह गाना अक्सर कार्यक्रमों में गाया जाता है। इस ऐतिहासिक गाने के बोल मशहूर कवि प्रदीप ने लिखे हैं। इस गाने को जब लता मंगेश्कर ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के सामने गाया था तो उनकी आंखे नम हो गईं थी। कवि प्रदीप ने इसके अलावा सुनो-सुनो देश के हिंदू- मुस्लिम... , जन्म भूमि मां... , इंसान का इंसान से हो भाईचारा... समेत तमाम देश भक्ति के गाने लिखे, जो हमेशा के लिए गुलजार हो गए। मध्य प्रदेश के रहने वाले प्रदीप ने लखनऊ यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की पढ़ाई की थी। उनकी लेखनी में अवध का रंग भी देखने को मिलता था।
देश प्रेम और देश-भक्ति से ओत-प्रोत भावनाओं को सुन्दर शब्दों में पिरोकर जन-जन तक पहुंचाने वाले कवि प्रदीप का जन्म 6 फ़रवरी, 1915 में मध्य प्रदेश में उज्जैन के बड़नगर नामक क़स्बे में हुआ था। प्रदीप जी का असल नाम रामचंद्र नारायण द्विवेदी था। इनके पिता का नाम नारायण भट्ट था। प्रदीप जी उदीच्य ब्राह्मण थे।