
विकास गुप्ता जांच आयोग : कौन हैं केएल गुप्ता, आखिर क्यों है इनके नाम पर विवाद
लखनऊ. विकास दुबे एनकाउंटर मामले की जांच के लिए पूर्व डीजीपी केएल गुप्ता को न्यायिक जांच समिति में शामिल किए पर विरोध शुरू हो गया है। इस मामले में याचिकाकर्ता अनूप अवस्थी ने एक और याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की है। याचिका में केएल गुप्ता का नाम शामिल जाने का विरोध किया गया है।
क्या है याचिका में
याचिकाकर्ता ने पूर्व डीजीपी के 10 जुलाई को एक समाचार एजेंसी को दिए बयान का हवाला दिया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि हमको पुलिस के बयान पर विश्वास करना चाहिए। हर बार हम नकारात्मक सोच के साथ ही शुरुआत क्यों करते हैं कि एनकाउंटर किए नहीं जाते हो जाते हैं"। इसके साथ ही याचिकाकर्ता अनूप अवस्थी ने एक चैनल को दिए उनके बयान का भी हवाला देते हुए जांच समिति को पुनर्गठित करने की बात की है और पूर्व डीजीपी केएल गुप्ता को कमिटी से हटाने की मांग की है।
बीएसएफ के रहे हैं आईजी
उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक के.एल. गुप्ता की गिनती तेजतर्रार पुलिस अफसरों में होती थी। वे यूपी कॉडर के अच्छे आईपीएस अफसरों में गिने जाते थे। गुप्ता प्रतिनियुक्ति पर अर्धसैनिक बल बीएसएफ में पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) के पद पर भी रहे। यूपी में कई जिलों और मंडलों में पुलिस विभाग के उच्च पदों पर रहे। उन्होंने एसपी के पद से लेकर प्रदेश के पुलिस मुखिया के पद पर भी सेवाएं दी। पूर्व आईपीएस के.एल. गुप्ता 2 अप्रेल 1998 से 23 दिसंबर 1999 तक उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक पद पर रहे थे। यह उत्तर प्रदेश के ही रहने वाले हैं और वर्तमान में अपने परिवार के साथ लखनऊ में रहते हैं। उत्तर प्रदेश सरकार के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इनके नाम का प्रस्ताव सुप्रीम कोर्ट के सामने रखा था।
एनकाउंटर की जांच के लिए आयोग
सुप्रीम कोर्ट ने विकास दुबे एनकाउंटर से जुड़े मामले की जांच के लिए जांच आयोग का गठन किया है। आयोग में उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी के एल गुप्ता और इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस शशिकांत अग्रवाल जांच आयोग में शामिल हैं।
Published on:
24 Jul 2020 01:50 pm
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