
लखनऊ. उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनते ही Yogi Adityanath ने ताबड़तोड़ कई पुराने नामों को बदलकर नए नाम रख दिए। यूपी सरकार ने मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर करने का निर्णय लिया, जिसे गृह मंत्रालय से भी हरी झंडी मिल गई। विपक्ष ने सरकार के फैसले पर तीखी आपत्ति जताई है। Samajwadi Party के राज्यसभा सांसद नरेश अग्रवाल ने कहा कि ऐतिहासिक पहचान वाली जगह का नाम बदलने के पीछे मंशा राजनीतिक है। कांग्रेस सांसद पीएल पुनिया ने कहा कि मुगलसराय स्टेशन का नाम बदलने का कोई औचित्य नहीं है।
मोहल्लों के उर्दू नाम बदलना योगी आदित्यनाथ की पुरानी आदत है। इससे पहले भी वह गोरखपुर में पांच मोहल्लों का हिंदी नामकरण कर चुके हैं। उन्होंने ऊर्दू बाजार को हिंदी बाजार, हुमायुंपुर को हनुमान नगर, मीना बाजार को माया बाजार और अलीनगर को आर्यनगर किया है। हालांकि, नगर निगम ने अभी इन नए नामों पर मुहर नहीं लगाई है, लेकिन फिर भी इन स्थानों को नए नामों से पुकारा जाने लगा है। कई दुकानदारों ने अपने बोर्ड में ऊर्दू बाजार की जगह हिंदी बाजार और मीना बाजार को माया बाजार लिखना शुरू किया है।
योगी ने पहले ही दे दिए थे संकेत
बात UP Vidhan Sabha Election 2017 से पहले की है, जब बीजेपी के स्टार प्रचारक योगी आदित्यनाथ अमरोहा के हसनपुर में जनसभा के दौरान पहुंचे थे। उस दौरान उन्होंने हसनपुर के नाम पर ऐतराज जताते हुए कहा था, उत्तर प्रदेश में हसनपुर क्यों है? मुख्यमंत्री बनने से पहले एक टीवी चैनल के प्रोग्राम में भी योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि गोरखपुर में मोहल्लों के नाम बदलना उनका सही फैसला है। उन्होंने तर्क देते हुए कहा था कि अतीत के गौरव के साथ वर्तमान को जुड़ना चाहिए। गोरखपुर में आर्यनगर हो सकता है, लेकिन अलीनगर नहीं। इस दौरान उन्होंने आगरा के ताजमहल का नाम बदलने की भी संकेत दिए थे।
इन एयरपोर्ट्स के नाम भी बदले
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बरेली, कानपुर, गोरखपुर और आगरा एयरपोर्ट के नाम बदल दिए। नए फैसले के तहत अब बरेली एयरपोर्ट को 'नाथ एयरपोर्ट', गोरखपुर सिविल एयरपोर्ट को योगी गोरखनाथ एयरपोर्ट, आगरा एयरपोर्ट को दीनदयाल उपाध्याय एयरपोर्ट और कानपुर के चकेरी एयरपोर्ट को पत्रकार व स्वतंत्रता सेनानी गणेश शंकर विद्यार्थी के नाम पर जाना जाएगा।
पहले भी होती रही है नामों पर राजनीति
ऐसा पहली बार नहीं है, जब उत्तर प्रदेश की सरकारों ने अपने पसंदीदा महापुरुषों के नाम पर किसी स्थान या शहरों के नाम बदले हों। भाजपा से पहले भी समाजवादी पार्टी और बसपा की सरकारें एक-दूसरे के रखे हुए नामों को बदलती रही हैं। मायावती ने अमेठी का नाम छत्रपति शाहूजी नगर कर दिया था।इस फैसले को मुलायम सिंह यादव ने मुख्यमंत्री बनते ही रद्द कर दिया। सत्ता में फिर मायावती आईं तो उन्होंने एक फिर अमेठी का छत्रपति शाहू जी महाराज कर दिया। 2012 में जब अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने उन्होंने फिर छत्रपति शाहूजी नगर का नाम बदलकर अमेठी रख दिया। इसके अलावा उन्होंने कई और जिलों के नाम बदल दिए। जैसे बुद्ध नगर का नाम शामली, भीम नगर का नाम बहजोई, पंचशील नगर का नाम हापुड़, ज्योतिबा फुले नगर का नाम अमरोहा, महामाया नगर का नाम हाथरस, कांशीराम नगर का नाम कासगंज, रमाबाई नगर का नाम कानपुर देहात और छत्रपति शाहूजी महाराज नगर का नाम अमेठी रख दिया।
Updated on:
06 Aug 2017 01:13 pm
Published on:
06 Aug 2017 11:26 am
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