
Women Property Reform UP Cabinet: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार महिलाओं को न केवल सुरक्षा बल्कि आर्थिक आत्मनिर्भरता की दिशा में भी मजबूती से आगे बढ़ा रही है। इसी क्रम में संपत्ति संबंधी मामलों में महिलाओं को और सशक्त बनाने के लिए सरकार ने स्टाम्प शुल्क में बड़ी राहत देने का प्रस्ताव तैयार किया है। यह प्रस्ताव स्टाम्प एवं पंजीकरण विभाग द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष प्रस्तुत किया गया है।
वर्तमान व्यवस्था में महिलाओं के पक्ष में यदि कोई अचल संपत्ति (जैसे भूमि, मकान, प्लॉट आदि) का ट्रांसफर होता है और उसकी कीमत 10 लाख रुपये तक है, तो उन्हें 1% की स्टाम्प ड्यूटी छूट मिलती है। अब सरकार इस सीमा को बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये तक करने की योजना बना रही है। यानी अब महिलाएं अधिक मूल्य की संपत्ति अपने नाम पर पंजीकृत करा सकेंगी और उन्हें उसी अनुपात में स्टाम्प शुल्क में राहत भी मिलेगी।
यह प्रस्ताव लागू होने से महिलाओं के नाम पर अचल संपत्ति का रजिस्ट्रेशन बढ़ेगा। सामाजिक कार्यकर्ताओं के अनुसार, इससे महिलाओं की संपत्ति में हिस्सेदारी बढ़ेगी और वे आर्थिक रूप से अधिक सशक्त होंगी। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में, जहां आज भी अधिकतर संपत्ति पुरुषों के नाम पर होती है, वहां महिलाओं को अधिक अवसर मिलेंगे।
लखनऊ की सामाजिक कार्यकर्ता वंशिका आहूजा कहती हैं, “यह निर्णय महिलाओं के लिए न केवल आर्थिक बल्कि सामाजिक दृष्टि से भी क्रांतिकारी होगा। उनकी सामाजिक स्थिति और निर्णय लेने की क्षमता मजबूत होगी।”
अभी भी देश में महिलाओं की संपत्ति में हिस्सेदारी काफी कम है। सरकारी आंकड़ों और शोध रिपोर्टों के अनुसार केवल 13% महिलाएं ही अपने नाम पर अचल संपत्ति रखती हैं। वहीं उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में यह आंकड़ा और भी कम है। ऐसे में इस प्रकार की छूट से महिलाओं को संपत्ति अर्जन के लिए प्रेरणा मिलेगी।
इस प्रस्ताव का लाभ केवल शहरी महिलाओं तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसका प्रभाव ग्रामीण महिलाओं तक भी पहुंचेगा। ग्राम पंचायतों में आज भी महिलाएं आर्थिक निर्णयों में पिछड़ती हैं। लेकिन यदि संपत्ति उनके नाम होगी तो न केवल उन्हें बैंक लोन या सरकारी योजनाओं में प्राथमिकता मिलेगी, बल्कि वे अपने भविष्य को लेकर अधिक आत्मनिर्भर होंगी।
योगी सरकार ने अपने कार्यकाल में महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। मिशन शक्ति, कन्या सुमंगला योजना, बालिका सुरक्षा अभियान जैसे कार्यक्रम पहले से ही प्रदेश में सफलतापूर्वक संचालित हो रहे हैं। अब संपत्ति अधिकार से जुड़ा यह कदम महिलाओं को आर्थिक रूप से भी आत्मनिर्भर बनाएगा।
हालांकि इससे राज्य सरकार को कुछ राजस्व की हानि हो सकती है, लेकिन दीर्घकालिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो यह सामाजिक संरचना को संतुलित करेगा और महिला निवेश को बढ़ावा देगा। साथ ही, महिला नाम पर संपत्ति होने से पारिवारिक विवाद भी कम होंगे।
ईशा शुक्ला एक और सामाजिक कार्यकर्ता कहती हैं, “हमारी लंबे समय से मांग रही है कि महिलाओं को संपत्ति में बराबरी का अधिकार मिले। यह प्रस्ताव निश्चित रूप से महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा और जरूरी कदम है।”
स्टाम्प एवं पंजीकरण विभाग के अधिकारियों ने जानकारी दी है कि यह प्रस्ताव अभी मसौदा स्तर पर है और मुख्यमंत्री कार्यालय में परीक्षण के बाद इसे कैबिनेट के सामने रखा जाएगा। कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद इसे लागू किया जाएगा।
Published on:
15 May 2025 04:39 pm
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