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राज्यपाल राम नाईक के चार साल, बिना सवाल यूपी में रहे बेमिसाल

अखिलेश सरकार की कानून व्यवस्था पर उठाते थे उंगलियां- योगी को हरी झंडी- एमएलसी की नियुक्ति के मुद्दे पर अखिलेश की सूची की थी वापस- अम्बेडकर के नाम में राम जुड़वाया

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लखनऊ

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Anil Ankur

Jul 07, 2018

UP Governor Ram Naik is now well, work will start soon

UP Governor Ram Naik is now well, work will start soon

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक के चार साल अगले हफ्ते पूरे हो जाएंगे। ये चार साल उनके कई मायनों में बेमिसाल रहे। कभी अखिलेश सरकार की हर गलती पर उंगली उठाने वाले राज्यपाल पिछले सवा साल से योगी सरकार को हरी झंडी दे रहे हैं। अखिलेश सरकार में एमएलसी की सूची वापस करके विवाद पैदा करने वे नेशनल हूकअप पर छा गए थे। इसी प्रकार हाल में ही भीमराव अम्बेडकर के नाम में राम जुड़वाने के उनके प्रस्ताव ने उन्हें फिर चर्चा में ला दिया था। जनता से मिलने से लेकर उनकी समस्याओं को सुनने तक में विश्वास रखते हैं। यही कारण है कि चार साल में वे 1400 कार्यक्रमों में गए और 24 हजार लोगों से मिले।

22 जुलाई को होंगे चार साल पूरे
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के रूप में कुछ ही दिन बाद राम नाईक के कार्यकाल के चार वर्ष पूर्ण हो रहे हैं। नाईक ने 22 जुलाई, 2014 को उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के पद की शपथ ग्रहण की थी। उन्होंने गत 347 कार्य दिवस में 22 जुलाई, 2017 से 3 जुलाई, 2018 तक 6,435 लोगों से मुलाकात की। इस प्रकार विगत 22 जुलाई, 2014 से 03 जुलाई, 2018 तक 1,443 दिन में उन्होंने 24,679 लोगों से राजभवन में मुलाकात की है।

किताब छपेगी राज भवन में राम नाईक
आगामी 22 जुलाई, 2018 को राज्यपाल अपना चैथे वर्ष का कार्यवृत्त जारी करेंगे। पारदर्शिता और जवाबदेही के अन्तर्गत इससे पूर्व भी वे 2014 से प्रत्येक वर्ष 22 जुलाई को 'राजभवन में राम नाईकÓ शीर्षक से अपनी कार्यवृत्त पुस्तिका का प्रकाशन करते आ रहे हैं। श्री नाईक का कार्यवृत्त प्रकाशन उनके विधायक, सांसद, मंत्री व समाज सेवा में रहते हुए हर वर्ष प्रकाशित होता रहा है।

शहर से लेकर गांव तक के कार्यक्रम में शामिल हुए नाईक
राज्यपाल ने 22 जुलाई, 2017 से 3 जुलाई, 2018 तक यानी 347 दिनों में लखनऊ के 234 कार्यक्रमों और लखनऊ से बाहर आयोजित 133 कार्यक्रमों में शामिल हुए। 27 अक्टूबर, 2017 से 2 दिसम्बर, 2017 (37 दिन) तक नगर निगम, नगर परिषद, पंचायत समिति चुनाव आचार संहिता लागू थी। वैसे ही 4 जनवरी, 2017 से 14 मार्च, 2017 (70दिन) तक विधान सभा चुनाव आचार संहिता लागू थी। दोनों चुनाव की आचार संहिता मिलाकर (70़37) कुल 107 दिन राज्यपाल किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में सम्मिलित नहीं हुए। राज्यपाल ने अब तक अपने 1,443 दिन के कार्यकाल में लखनऊ में 887 कार्यक्रमों तथा लखनऊ के बाहर 526 कार्यक्रमों यानी कुल 1,413 सार्वजनिक कार्यक्रमों में सहभाग किया है।

चार साल में केवल 24 दिन ही यूपी के बाहर रहे राज्यपाल
राज्यपाल को एक वर्ष में उत्तर प्रदेश के बाहर आयोजित कार्यक्रमों में जाने के लिये कुल 73 दिन स्वीकृत हैं। इसके सापेक्ष श्री नाईक विगत वर्ष मात्र 24 दिन ही उत्तर प्रदेश के बाहर आयोजित कार्यक्रमों में शामिल हुए, जो 73 दिन का केवल 33 प्रतिशत है। इसी प्रकार राज्यपाल को 20 दिन का वार्षिक अवकाश उपभोग करने की अनुमति है। लेकिन श्री नाईक ने मात्र दो बार ही अपने वार्षिक अवकाश का उपभोग किया है। वे 3 से 12 अक्टूबर 2015 तक कुल 10 दिन उत्तराखण्ड के नैनीताल और 14 से 22 मई, 2016 तक कुल 9 दिन हिमाचल प्रदेश के शिमला के भ्रमण पर रहेे। वर्ष 2017 और 2018 में उन्होंने किसी प्रकार का व्यक्तिगत अवकाश नहीं लिया।