
World Trauma Day: यूपी में हर साल लगभग 1.5 लाख लोग सड़क हादसों में गंवाते हैं जान, युवाओं की संख्या सबसे ज्यादा
लखनऊ. यूपी में हर साल सड़क हादसों में कम से कम 1.5 लाख लोगों की जान जाती है। इनमें सबसे ज्यादा युवाओं व 30 से 40 वर्ष के लोग होते हैं। अमूमन यातायात नियमों का पालन न करना या इस पर लापरवाही बरतना सड़क हादसों क सबसे बड़ा कारण माना जाता है। वहीं इन मौतों से तीन गुना ज्यादा लोग सड़क दुर्घटना में इतनी बुरी तरीके से घायल हो जाते हैं कि वे विकलांग तक हो जाते हैं। बुधवार 17 अक्टूबर को विश्व ट्रॉमा दिवस मनाया जा रहा है। इस संबंध में इंडियन ट्रामा सोसायटी के सदस्य डॉक्टर संदीप तिवारी ने बताया कि हर साल लगभग 3.5 लाख लोग आघात से मर जाते हैं। इनमें 5 से 40 वर्ष की उम्र के लोग ज्यादा होते हैं।
यातायात नियमों की जागरूकता व उनका पालन है जरूरी
डॉक्टर संदीप तिवारी ने बताया कि लोगों में यातायात नियमों को लेकर जागरूकता और पालन बेहद जरूरी है। यातायात नियमों के बाद उनमें से कई को जागरूकता से रोका जा सकता है। वहीं सीट बेल्ट और हेल्मेट का उपयोग करने से, नशे में ड्राइविंग और उच्च गति ड्राइविंग न करने से और कई जिंदगी पूर्व अस्पताल देखभाल और अस्पताल देखभाल प्रदान करके बचाया जा सकता है।
ट्रॉमा सर्जरी कोर्स को लेकर सरकार की संजीदगी
ट्रॉमा सर्जरी विभाग के डॉक्टर समीर मिश्रा के मुताबिक यूपी में पांच ट्रॉमा सेंटर संस्थान हैं, जो कि आबादी के लिहाज से बहुत कम है। यूपी में ज्यादा से ज्यादा ट्रॉमा सेंटर होना चाहिए ताकी लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा समय पर और जल्द मिल सके। हाईवे पर तेज रफ्तार से गाड़ियां चलती हैं। नतीजतन वहां हादसे भी इस एक कारण से ज्यादा ही होते हैं। ऐसे में लोगों को गंभीर चोटें आती हैं और कई बार इलाज करना भी कठिन हो जाता है।
Published on:
17 Oct 2018 12:33 pm
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