करीब एक दर्जन से ज्यादा चेहरे मंत्रिमंडल में शामिल होंगे। इनमें बीजेपी संगठन में मजबूत पकड़ रखने वाले अशोक कटारिया का नाम तय माना जा रहा है। इसके अलावा विद्यासागर सोनकर (एमएलसी), विजय बहादुर पाठक (एमएलसी), बुक्कल नवाब (एमएलसी), उदयभान सिंह (फतेहपुर सीकरी), कपिल देव अग्रवाल( मुजफ्फरनगर), अनिल शर्मा (बुलंदशहर), पंकज सिंह (गौतमबुद्धनगर), संजीव राजा (अलीगढ़), नीलिमा कटियार (कानपुर), दल बहादुर कोरी (राय बरेली), आशीष पटेल (अपना दल एस/अनुप्रिया पटेल के पति और एमएलसी) के नाम को लेकर चर्चा है। चार स्वतंत्र प्रभार वाले मंत्रियों को प्रमोट भी किया जा सकता है। इनमें महेंद्र सिंह, सुरेश राणा, अनिल राजभर और उपेंद्र तिवारी का नाम शामिल है। वहीं, मंत्री धर्मपाल सिंह और अनुपमा जायसवाल के विभाग बदलने की बात कही जा रही है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ बीजेपी आलाकमान से मिलकर सूबे के चार मंत्रियों के कामकाज पर नाराजगी जता चुका है। इसके अलावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद भी कई मंत्रियों और उनके विभागों के कामकाज के तरीके से खुश नहीं हैं।
इससे पहले मंत्रिमंडल का विस्तार सोमवार को होना था। लेकिन अरुण जेटली के खराब स्वास्थय का कारण बताकर मंत्रिमंडल विस्तार को रोक दिया गया। वहीं, दूसरा कारण कुछ नामों पर असहमति भी बताया जा रहा था। योगी आदित्यनाथ नॉन परफॉर्मिंग मंत्रियों को हटाना चाहते हैं जबकि राजनीति और जातीय संतुलन को देखते हुए संगठन ज्यादा काट-छांट नहीं चाहता। वहीं, बेजेपी के सहयोगी दलों की तरफ से भी कैबिनेट में नामों में दबाव है।
इन मंत्रियों ने दिया है इस्तीफा सीटों के अनुपात के अनुसार योगी आदित्यनाथ कैबिनेट में मंत्रियों की संख्या 60 तक हो सकती है। योगी कैबिनेट में 47 मंत्री थे, जिनमें से तीन, रीता बहुगुणा जोशी, डॉक्टर एस पी सिंह बघेल और सत्यदेव पचौरी सांसद निर्वाचित होने के बाद मंत्री पद से इस्तीफा दे चुके हैं।