5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Zero Tolerance Policy: CM Yogi Adityanath ने 600 भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ की कार्रवाई, 200 से ज्यादा जबरन रिटायर

Yogi Government ने जीरो टॉलरेंस की नीति पर सख्ती से अमल करते हुए 600 से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की और 200 से अधिक अधिकारियों व कर्मचारियों को रिटायर कर दिया है।

2 min read
Google source verification

लखनऊ

image

Akansha Singh

Jul 03, 2019

lucknow

जीरो टॉलरेंस नीति: सीएम योगी ने 600 भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ की कार्रवाई, 200 से ज्यादा जबरन रिटायर

लखनऊ. योगी सरकार (Yogi Government) ने जीरो टॉलरेंस (Zero Tolerance) की नीति पर सख्ती से अमल करते हुए 600 से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की और 200 से अधिक अधिकारियों व कर्मचारियों को रिटायर कर दिया है। वहीं, 400 से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों को वृहद दंड दिया गया है। यानि की अब उनका प्रमोशन नहीं होगा, साथ ही उन्हें दूसरी जगह भेज दिया जाएगा। ज्यादातर आईएएस और आईपीएस अफसरों पर कार्रवाई की गई है। इन सभी पर फैसला केंद्र सरकार (Central Government) लेगी। इन अधिकारियों की लिस्ट तैयार कर केंद्र सरकार को भेजी गई है।

यह भी पढ़ें - चाय की पार्टी में होता है जजों का सेलेक्शन, जस्टिस रंगनाथ पांडेय ने PM मोदी को लिखी हैरान करने वाली चिट्ठी

सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने बताया कि यह पहली सरकार है जिसने 600 से ज्यादा अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में कार्रवाई की है। गौरतलब है कि, 20 जून सचिवालय प्रशासन विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने बोईमान और भ्रष्ट अधिकारी को आड़े हाथ लिया था। उन्होंने कहा था कि बेईमान-भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए सरकार में कोई जगह नहीं। इन्हें तत्काल वीआरएस दे दीजिए। साथ ही जिन अधिकारियों की गतिविधियां संदिग्ध हैं और जिनके खिलाफ शिकायतें दर्ज हैं। उनकी सूची तैयार करने के निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कार्य पद्धति सुधारने के निर्देश दिए थे। उन्होंने ई-ऑफिस की कार्य प्रगति पर असंतोष जताते हुए कहा कि दो वर्ष के बाद भी शतप्रतिशत कार्य क्यों नहीं हो पाया है। उन्होंने अधिकारियों को ई-ऑफिस की व्यवस्था को तेज गति से पूर्ण करने के निर्देश दिए थे। उन्होंने अधिकारियों को सही समय पर निर्णय लेने और सख्त कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए थे।

यह भी पढ़ें - पीएम नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र को ऐसे जाम से मिलेगी मुक्ति, तैयार हुआ ब्लूप्रिंट

आपको बता दें कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने सभी विभागों से भ्रष्टाचार में लिप्त दोषी, अक्षम अधिकारियों और कर्मचारियों की रिपोर्ट तलब कर उनके खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए थे. उन्होंने समीक्षा बैठक में ये निर्देश दिए थे कि जो भी रिपोर्ट के आधार पर दोषी और अक्षम पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई किया जाएगा

यह भी पढ़ें - यूपी बोर्ड परीक्षा में हुआ बड़ा बदलाव, इन विषयों की भी होगी परीक्षा, कॉपियों में हुआ बड़ा फेरबदल

हर महीने बनेगी नाकाम कर्मचारियों की लिस्ट

सरकार अब सभी मंत्रालयों और विभागों से हर महीने ऐसे कर्मचारियों की लिस्ट मांगेगी जिन्हें समय से पहले रिटायर किया जा सकता है। हाल में मोदी सरकार ने भ्रष्ट और नाकाम कर्मचारियों के सफाये का काम शुरू किया है। इसके तहत जांच एजेंसियों के टॉप अधिकारियों को जबरन रिटायर किया गया था। लेकिन, सरकार की यह पहल न सिर्फ केंद्रीय दफ्तरों में, बल्कि पब्लिक सेक्टर की इकाइयों और बैंकों के कर्मचारियों पर भी लागू होगी। कार्मिक विभाग ने 20 जून को सभी मंत्रालयों और विभागों को लिखे पत्र में कहा है कि काम करने के मानक के अनुरूप खरा नहीं उतरने वाले ऐसे कर्मचारियों की लिस्ट हर महीने की 15 तारीख तक जमा कर दें, जिन्हें जनता के हित में समय से पहले रिटायर किया जा सकता है। यह व्यवस्था इसी महीने से लागू की जाएगी यानी 15 जुलाई को सभी मंत्रालयों और विभागों में ऐसे कर्मचारियों की पहली लिस्ट आ जाएगी।