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Ansal Group Fir: योगी सरकार की सख्ती के बाद अंसल ग्रुप पर छह नई FIR दर्ज, सुशांत गोल्फ सिटी समेत कई क्षेत्रों में धोखाधड़ी के आरोप

Ansal Group: योगी सरकार की सख्ती के बाद अंसल ग्रुप के खिलाफ कार्रवाई तेज हो गई है। लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी समेत कई इलाकों में धोखाधड़ी के मामले दर्ज किए गए हैं। पीड़ितों का आरोप है कि उन्होंने प्लॉट और विला की रजिस्ट्री कराई, लेकिन कब्जा नहीं मिला। प्रशासन ने छह नई FIR दर्ज की हैं।

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लखनऊ

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Ritesh Singh

Mar 09, 2025

अंसल ग्रुप पर शिकंजा, छह नई FIR दर्ज

अंसल ग्रुप पर शिकंजा, छह नई FIR दर्ज

Yogi Government Ansal Developers: योगी सरकार की सख्ती के बाद अंसल ग्रुप की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। लखनऊ में सुशांत गोल्फ सिटी समेत कई क्षेत्रों में लोगों ने अंसल ग्रुप के डायरेक्टर प्रणव अंसल, चेयरमैन सुशील अंसल और अन्य अधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी के गंभीर आरोप लगाए हैं। इन शिकायतों के आधार पर छह नई एफआईआर दर्ज की गई हैं।

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क्या हैं आरोप

अंसल ग्रुप पर आरोप है कि उन्होंने लोगों से प्लॉट और विला की रजिस्ट्री करने के बाद भी कब्जा नहीं दिया। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि उन्होंने अंसल ग्रुप की विभिन्न परियोजनाओं में करोड़ों रुपये निवेश किए, लेकिन उन्हें न तो संपत्ति पर कब्जा मिला और न ही पैसे वापस किए गए। इसके अलावा, कई मामलों में ग्राहकों को फर्जी दस्तावेज देकर धोखाधड़ी की गई।

किन इलाकों में मामले दर्ज हुए

शिकायतकर्ताओं द्वारा दर्ज मामलों में मुख्य रूप से सुशांत गोल्फ सिटी, अंसल एपीआई, गोमती नगर विस्तार और शहीद पथ क्षेत्र शामिल हैं।

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शिकायतकर्ताओं की आपबीती

कई पीड़ितों ने बताया कि वे वर्षों से अपने फ्लैट, विला और प्लॉट का कब्जा पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। एक शिकायतकर्ता, रवि मिश्रा, ने कहा: "मैंने 2017 में एक विला खरीदा था, जिसकी रजिस्ट्री हो चुकी है, लेकिन अब तक कब्जा नहीं मिला। जब भी कंपनी के दफ्तर जाता हूं, वहां से सिर्फ झूठे वादे किए जाते हैं।" इसी तरह, नेहा वर्मा, जो गोमती नगर विस्तार में एक प्लॉट खरीदने वाली थीं, ने कहा:"हमें बताया गया था कि प्लॉट की डिलीवरी 2020 तक हो जाएगी, लेकिन अब 2025 आने वाला है और हमें कुछ नहीं मिला।"

FIR में क्या कहा गया है

पुलिस रिपोर्ट के अनुसार अंसल ग्रुप और उसके अधिकारियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 406 (अमानत में खयानत), 467 (जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के लिए जालसाजी) और 471 (फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल) जैसी धाराओं के तहत मामले दर्ज किए गए हैं।

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प्रशासन की सख्ती और योगी सरकार का एक्शन

योगी सरकार ने रियल एस्टेट में धोखाधड़ी को लेकर सख्त रुख अपनाया हुआ है। हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिया था कि बिल्डर्स द्वारा की जा रही गड़बड़ियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। अंसल ग्रुप के खिलाफ इतनी बड़ी संख्या में एफआईआर दर्ज होना इसी दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

क्या बोले प्रशासनिक अधिकारी

पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि मामले की पूरी जांच की जा रही है। लखनऊ पुलिस कमिश्नर एसबी शिराडकर ने कहा: "हमने अंसल ग्रुप के खिलाफ मिली शिकायतों को गंभीरता से लिया है और संबंधित धाराओं में मामले दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। यदि जरूरत पड़ी तो अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई होगी।"

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क्या होगी आगे की कार्रवाई

  • प्रभावित ग्राहकों से नए साक्ष्य जुटाए जाएंगे।
  • अंसल ग्रुप के निदेशकों और अन्य अधिकारियों से पूछताछ होगी।
  • जिन संपत्तियों को लेकर विवाद है, उनकी कानूनी स्थिति की जांच होगी।
  • अगर घोटाले की पुष्टि होती है, तो आरोपियों की संपत्ति जब्त की जा सकती है।

बिल्डर लॉबी पर बढ़ता सरकारी शिकंजा

अंसल ग्रुप के खिलाफ चल रही जांच से अन्य बिल्डर कंपनियों में भी हड़कंप मचा हुआ है। योगी सरकार पहले ही लखनऊ, नोएडा और कानपुर में कई रियल एस्टेट घोटालों पर कार्रवाई कर चुकी है। यदि अंसल ग्रुप के खिलाफ आरोप साबित होते हैं, तो अन्य बिल्डरों पर भी कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।

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अंसल ग्रुप पर दर्ज छह नई एफआईआर से साफ हो गया है कि योगी सरकार रियल एस्टेट घोटालों को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगी। यदि जांच में आरोप सही पाए जाते हैं, तो अंसल ग्रुप के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है, जिसमें संपत्ति जब्ती और गिरफ्तारियां भी शामिल हो सकती हैं।