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पत्रिका न्यूज नेटवर्क
लखनऊ. अवैध धर्म परिवर्तन और कथित लव जेहाद पर रोक लगाने के लिये कानून लाने के बाद उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार अब 44 साल पुरानी उस स्कीम को भी बंद करने जा रही है, जिसमें अंतर-जातीय और अंतर-धार्मिक विवाह करने पर सरकारी प्रोत्साहन के रूप में जोड़ों को 50 हजार रुपये दिये जाते थे। इस स्कीम को राष्ट्रीय एकता विभाग ने शुरू किया था। एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक पिछले वर्ष अंतर-धार्मिक विवाह करने वाले 11 जोड़ों ने इस स्कीम का फायदा उठाया था। उन्हें 50-50 हजार की प्रोत्साहन राशि मिली थी। हालांकि 4 आवेदन आने के बावजूद इस साल स्कीम के तहत कोई रकम जारी नहीं की गई है। चूंकि अवैध धर्मांतरण के खिलाफ अध्यादेश पारित हुआ है इसलिये यूपी सरकार अब इस स्कीम पर पुनर्विचार करेगी।
बताते चलें कि योगी सरकार ने अभी बीते महीने ही कथित लव जेहाद को लेकर अवैधर्मांतरा को अपराध बनाते हुए उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश, 2020 लागू किया। इसके बाद अब इस स्कीम के बंद किये जाने की बातें कही जा रही हैं। इस योजना का लाभ उठाने के लिये अंतर धार्मिक या अंतर-जातीय विवाह करने वाले जोड़े को देा साल के अंदर ही जिलाधीश के पास आवेदन करना होता है। आवेदन की जांच के बाद जिला प्रशासन इसे यूपी नेशनल इंटीग्रेशन डिपार्टमेंट को भेज देता है।
Published on:
02 Dec 2020 07:23 pm
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