
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
लखनऊ. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Sarkar) ने अब प्रधानों के कार्यकाल में आवंटित और आहरित धनराशि की जांच कराने का फैसला किया है। कमियां पाए जाने पर ग्राम प्रधानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव (Panchayat Chunav) के पूर्व उत्तर प्रदेश के हर जिले की ग्राम पंचायतों की कमान अब विकास खंडों के एडीओ पंचायतों को सौंपी गई है। साथ ही अब तक के कार्यकाल में ग्राम प्रधानों को आवंटित और और 25 दिसंबर तक निकाली गई धनराशि से कराए गए कार्यों का भौतिक सत्यापन (Physical Verification) भी किया जाएगा। इस कार्य के लिए जिला पंचायत राज अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी गई है। निर्देशित किया गया है कि वे टीम बनाकर ग्राम प्रधानों के कार्यकाल के दौरान कितनी धनराशि आवंटित की गई है और कितनी धनराशि निकालकर उससे विकास कार्य कराए गए हैं। यही अधिकारी ग्राम पंचायत (Gram Panchayat) के विकास के लिए काम करेंगे। साथ ही लोगों की समस्याओं का निवारण भी करेंगे।
भौतिक सत्यापन रिपोर्ट मिलने के बाद यदि किसी प्रकार की अनियमितता पाई जाती है तो संबंधित तत्कालीन ग्राम प्रधान के खिलाफ सुसंगत कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। संभव है कि संबंधित को ग्राम प्रधान को चुनाव लडऩे से वंचित भी किया जा सकता है। यूपी के हर जिले में अब प्रधानों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। उनके डोंगल डी-एक्टिवेट कर दिए गए हैं। इसलिए 25 दिसंबर तक संबंधित ग्राम प्रधान को आवंटित धनराशि और आहरित धनराशि से कराए गए कार्यों को भौतिक सत्यापन कराया जाना है।
इस कार्य में जनपद स्तरीय अधिकारियों की टीम गठित कर ब्लॉकवार आहरित धनराशि की जांच की जाएगी। साथ ही धनराशि से कराए जा रहे कार्याें का भी भौतिक सत्यापन किया जाएगा। डीपीआरओ कार्यालय में भी किन-किन ग्राम प्रधानों को किस-किस मद में धनराशि भेजी गई है, उसके मिलान का कार्य किया जा रहा है। जिससे जिला स्तरीय टीम को भौतिक सत्यापन में किसी प्रकार की दिक्कत न हो। यह कार्य पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले पूर्ण किया जाना है।
न्यूनतम शैक्षिक योग्यता अनिवार्य
यूपी पंचायत चुनाव हर बार की तरह इस बार भी बैलेट पेपर के माध्यम से कराए जाएंगे। इसको लेकर चुनाव आयोग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। जिलों पर मत पत्र भेजे जाने लगे हैं। गौरतलब है कि इस बार ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य के चुनाव एक साथ कराए जाएंगे। चुनाव लड़ने वालों के लिए दो बच्चों और न्यूनतम शैक्षिक योग्यता अनिवार्य करने को लेकर तमाम कयास लगाए जा रहे हैं। हालांकि, पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र सिंह के मुताबिक, यूपी सरकार ने अभी इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है। इस बारे में जल्द ही निर्णय लिया जाएगा।
ग्रामणों को अप्रैल नए ग्राम प्रधान मिलने की उम्मीद
उत्तर प्रदेश सरकार पंचायत चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। प्रदेश को चार हिस्सों में बांटकर चुनाव कराने की तैयारी है। क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत और ग्राम पंचायत के चुनाव एक साथ कराए जाएंगे। पंचायती राज विभाग 28 जनवरी से पांच फरवरी के बीच चुनाव के संबंध में संभावित कार्यक्रम देने पर विचार कर रहा है। इसके बाद आयोग अपने हिसाब से पंचायत चुनाव के लिए अधिसूचना जारी करेगा। राज्य सरकार की मंशा 31 मार्च तक चुनाव कराते हुए पंचायतों का गठन कराने की है, जिससे अप्रैल में होने वाली यूपी बोर्ड की परीक्षाओं पर किसी तरह का कोई असर न पड़े।
Updated on:
26 Dec 2020 01:18 pm
Published on:
26 Dec 2020 01:13 pm
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