शासन से मिली जानकारी के अनुसार ₹3600 से ₹6000 प्रतिवर्ष का प्रस्ताव योगी सरकार की ओर से तैयार किया गया है। किसानों को सम्मान राशि के तौर पर कितनी धनराशि दी जाएगी इसको लेकर अभी निर्णय होना बाकी है। आगामी 16 दिसंबर को इस फैसले पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। आगामी कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव पर अंतिम मुहर लगने की संभावना है। मुख्यमंत्री इस दिन अनुपूरक बजट में इसका ऐलान कर सकते हैं।
केंद्र की मोदी सरकार ने पिछले लोकसभा चुनाव से पहले दो हजार अट्ठारह में लघु एवं सीमांत किसानों के लिए ₹6000 प्रति वर्ष देने का ऐलान किया था। इस योजना के ऐलान से मोदी सरकार की बड़ी बहुमत से सरकार में वापसी हुई थी। इधर किसान आंदोलन से खराब हुए माहौल, छुट्टा जानवरों से फसलों को होने वाले नुकसान और महंगाई से खेती की बढ़ती लागत से किसान परेशान है। इन तमाम समस्याओं के बावजूद भी ये फीडबैक मिल रहा है कि ₹6000 प्रति व सम्मान राशि पाने वाले छोटे व मझोले किसान सरकार के साथ हैं। योगी सरकार इस मतदाता वर्ग को पूरी तरह एकजुट करने के लिए चुनाव से पहले अपने बजट से अतिरिक्त धनराशि देने पर विचार कर रही है यह धनराशि केंद्र से मिलने वाली राशि से अलग होगी।
विधानसभा चुनाव से पहले किसानों को एकजुट करना योगी आदित्यनाथ सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है। इस चुनौती से निपटने के लिए योगी आदित्यनाथ की सरकार अब किसानों को ₹6000 प्रति वर्ष सम्मान निधि की तौर पर देने की योजना तैयार कर रही है। यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह सम्मान राशि मिलने के बाद किसानों का वोट प्रभावित होगा जिसका फायदा भाजपा को आगामी विधानसभा चुनाव में मिलेगा।