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शासकीय स्कूल के विद्यार्थियों ने मनाया विज्ञान दिवस, बिखेरे अपनी प्रतिभा के रंग

शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गढफ़ुलझर में विज्ञान दिवस मनाया गया

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बसना. शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गढफ़ुलझर में विज्ञान दिवस मनाया गया। इस मौके पर व्याख्याता अजय कुमार भोई ने बताया कि भारतीय भौतिक वैज्ञानिक चंद्रशेखर वेंकटरमन के जन्मदिन को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है। व्याख्याता श्यामलाल साहू द्वारा अंधविश्वास जैसे टोनही प्रथा तथा उनके कारणों और उनके दुष्प्रभावों पर प्रकाश डाला गया।

प्राचार्य बीएस सिदार ने विज्ञान के महत्व पर चर्चा करते हुए जीवन में इसकी उपयोगिता बताई गई। उन्होंने बताया कि किसी भी बात पर तर्क करना, जानना, फिर मानना यही विज्ञान है। तत्पश्चात छात्रों को प्रोजेक्टर के माध्यम से आधुनिक विज्ञान के जनक कहे जाने वाले महान वैज्ञानिक गैलीलियो गैलेलाइ के जीवन पर आधारित एक शार्ट फिल्म दिखाई गई। पश्चात वाद विवाद प्रतियोगिता हुई। वाद-विवाद का विषय था वैज्ञानिक सोच, जिसमें पक्ष से 5 विद्यार्थी तथा विपक्ष से 5 विद्यार्थियों ने अपने मत रखे।

प्रत्येक विद्यार्थी से उनके सहपाठी विद्यार्थियों ने अनेक प्रश्न पूछे, जिससे सभी विद्यार्थियों में वैज्ञानिक सोच पर अच्छी परिचर्चा हो गई। 11वीं के छात्र दिग्विजय पटेल, तथा 9वीं के छात्र प्रशांत चौहान, श्यामाचरण पटेल और 9वीं की छात्रा प्राची दुबे के मध्य परमाणु बम समस्या, पेयजल समस्या तथा पॉलीथिन को लेकर काफी अच्छी बहस हुई।

लांती स्कूल में मनाया गया विज्ञान दिवस

सरायपाली. उच्च प्राथमिक शाला लांती में छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा के तत्वावधान में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया गया। विज्ञान शिक्षक यशवंत कुमार चौधरी ने बताया कि बच्चों में वैज्ञानिक जागरुकता के साथ अभिरुचि वृद्धि के लिए बुधवार को वाद-विवाद के साथ विभिन्न प्रतियोगिताएं हुईं। कार्यक्रम में फोटो प्रदर्शनी, औषधीय पौधों की जानकारी देने के साथ विभिन्न चमत्कार के रहस्य का पर्दाफाश व अंधश्विाास के निर्मूलन के लिए प्रयास किया गया। बच्चों को नई सोच नई दिशा देकर सक्षम बनाने के लिए तर्कशीलता को बढ़ाने व विज्ञान की ओर आकर्षित करने के बारे में बताया गया।

विज्ञान की उपलिब्धयों के प्रति सजगता से आगे बढ़ते हुए खोजी प्रवृति के साथ नित्य नवीन प्रयोग के लिए ध्यान आकृष्ट करने बच्चों को प्रेरित किया गया। चंद्रशेखर वेंकटरमन नोबेल पुरस्कार प्राप्त वैज्ञानिक एवं उनके द्वारा खोजे गए रमन प्रभाव की विस्तृत जानकारी से बच्चों को अवगत कराया गया।