किसान मोर्चा के संचालक सदस्य राजेंद्र चंद्राकर ने कहा कि किसानों के सपनों का प्रदेश छत्तीसगढ़ नहीं बन पाया है। नोटबंदी के चलते किसान हताश और निराश हैं। केंद्र और प्रदेश सरकार की नीतियां किसान विरोधी है। सब्जियों का उचित दाम नहीं मिलने से किसानों की कमर टूट रही है। लागत के बराबर आय नहीं मिल रही है। श्रीधर चंद्राकर ने कहा कि प्रदेश सरकार की गलत नीतियों के चलते किसान आत्महत्या कर रहे हैं। आगामी विधानसभा चुनाव में रमन सरकार को किसान उखाड़ फेंकेंगे। जागेश्वर दाना ने कहा कि किसानों को फर्जी बिजली बिल पकड़ाया जा रहा है। खाद-बीज का दाम अधिक वसूला जा रहा है। किसानों का दाना-दाना खरीदने वाली सरकार अपने वादे से मुकर गई है। दीनदयाल वर्मा ने कहा कि 25 फीसद से अधिक किसानों को फसल बीमा का लाभ नहीं मिला। चार सरकारी एवं 22 प्राइवेट बीमा कंपनियां किसानों को लूट रही हैं। केंद्र और राज्य सरकार प्राइवेट कंपनियों को लाभ पहुंचा रही है। अनिल दूबे ने कहा कि बसना में वीर नारायण सिंह की प्रतिमा को उखाड़ फेंका गया, लेकिन प्रशासन मौन है। वहीं बिसन चंद्राकर ने कहा कि नोटबंदी के कारण किसानों को खाद बीज नहीं मिल रहा है।