
महासमुंद. नगरीय निकाय प्रशासन विभाग से राशि आवंटन के डेढ़ साल बाद भी नगर पालिका, शहर में विकास की इबारत की नींव तक नहीं रख पाई है। सिर्फ फाइलों और बैठकों में शहर विकास के कार्य उलझ कर रह गए हैं।
अब जनता वार्डों में विकास की तस्वीर ढूंढ रही है, पर पालिका के जिम्मेदार सिर्फ तारीख तय करने का बहाना बना रहे हैं। नगर पालिका क्षेत्र में दर्जनों कार्यों के लिए नगरीय निकाय प्रशासन को प्रस्ताव भेजा गया। इन प्रस्तावों पर मुहर लगने के बाद पालिका को राशि जारी हुई। तय समय पर काम शुरू और खत्म होना था, पर तमाम वार्डों में विकास कार्य शुरू नहीं हुए हैं।
नाली, सडक़, सौंदर्यीकरण और डिवाइडर जैसे कार्यों को शुरू करने के लिए पालिका के जिम्मेदार अफसर और जनप्रतिनिधि आज-कल जैसे जुमलों में समेटकर रख दिया है। जब पालिका क्षेत्र में होने वाले कार्यों की पड़ताल की गई, तो सामने आई कि शहर की जनता विकास कार्यों की उम्मीद लगाए बैठी है, लेकिन नगर पालिका बेसुध है। इधर, नगर पालिका के रवैये से असंतुष्ट पार्षद करीब एक महीने से पालिका दफ्तर में धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं।
उनकी मांग यह है कि वार्ड के लोगों को मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराई जाए। वहीं ताज्जुब इस बात की भी है कि जिन वार्डों से पालिका समेकित कर के रूप हर साल लाखों रुपए वसूल रही है, उन वार्डों के लोग नाली निर्माण, सफाई और बिजली की सुविधा के लिए तरस गए हैं। जबकि, इसी काम के लिए लोगों से समेकित कर वसूला जा रहा है।
इंडोर स्टेडियम बना सपना
शहर में इंडोर स्टेडियम के निर्माण के लिए सालभर पहले सवा करोड़ रुपए राशि आवंटित हुई थी। अब तक इसकी नींव तक नहीं रखी गई है। हाल में इसके लिए जगह फाइनल हुआ है। स्टेडियम पुराना एसडीएम निवास में बनेगा। लेटलतीफी की वजह ये है कि नगर पालिका ने डेढ़ साल में इंडोर स्टेडियम के लिए जगह नहीं ढूंढ पाई। इसी तरह सडक़ और नाली निर्माण के लिए एक करोड़ 20 लाख रुपए नगर पालिका को मिले थे। इस राशि से तीन वार्डों में सडक़ का निर्माण हुआ है। जबकि, 12 वार्डों में सडक़ों का निर्माण होना है।
आवास के लिए सिर्फ सर्वे
हैरानी की बात है यह है कि पिछले दो साल में नगर पालिका ने पीएम आवास के लिए एक ईंट तक नहीं रख पाई है। जानकारी के मुताबिक पालिका क्षेत्र में करीब 500 प्रधानमंत्री आवास निर्माण कराने का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। इसके लिए ढेरों आवेदन पालिका में जमा किए गए हैं, लेकिन क्राइटेरिया में आने वाले लोगों को ही इसका लाभ दिया जाएगा। दो साल हो गए इंतजार करते, कई लोगों का घर टूट रहा है अब तक तो आवास बन जाता। ग्रामीण क्षेत्रों में पीएम आवास का निर्माण तेजी से हो रहा है।
ट्रांसपोर्ट नगर भी नहीं बना
रायपुर रोड पर बेतरतीब ट्रकों की पार्किंग ने वाहन चालकों को मुसीबत में डाल दिया है। इस रोड पर हर पल हादसों का खतरा है। जानकारी के मुताबिक रायपुर रोड पर आवागमन की समस्या को देखते हुए 15 साल से ट्रांसपोर्ट नगर बनाने का सपना है। अब तक इसके लिए जगह की तलाश पूरी नहीं हुई है। नगर पालिका की तैयारी अभी भी वही है, जो 15 साल पहले थी। यही हाल गोकुल नगर बनाने का भी है।
बस स्टैंड के लिए जमीन की तलाश
शहर में सर्वसुविधायुक्त बस स्टैंड बनाने के लिए जगह की तलाश पूरी नहीं हुई है। डेढ़ साल से नगर पालिका के खाते में साढ़े चार करोड़ रुपए जाम है। रायपुर रोड और बागबाहरा रोड पर जगह की तलाश हुई, लेकिन बात नहीं बनी। अब तक बस स्टैंड बनाने का काम अटका पड़ा है।
Published on:
12 Mar 2018 09:26 am
बड़ी खबरें
View Allमहासमुंद
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
