
Lehra devi temple
महराजगंज. यूपी के महाराजगंज में पवह नदी तट पर स्थित शक्तिपीठ आद्रवासिनी मात लेहड़ा देवी में लाखों भक्तों की अटूट आस्था और विश्वास है। ये मंदिर भारत में उत्तर हिमालय की तराई में महाराजगंज की फरेंदा तहसील से नौ किलोमीटर की दुरी पर स्थित है। यहां हमेशा खून की धारा बहती है। दूर-दराज से लोग यहां खून की धारा देखने आते हैं। लेहड़ा देवी मंदिर को पहले अदरौना देवी स्थान के नाम से जाना जाता था। मान्यता है कि इस मंदिर की स्थापना महाभारत के अर्जुन ने की है। मां का दर्शन करने पड़ोसी देश नेपाल सहित पूर्वी उत्तर-प्रदेश के लाखों श्रद्धालु आते हैं।
माता ने दी थी अर्जुन को दिव्य शक्तियां
मान्यता के अनुसार अज्ञातवास के समय पांडवों ने इस सघन वन में काफी समय बिताया था. इसी दरमियान अर्जुन ने यहां वनदेवी की आराधना की थी। तप से प्रसन्न होकर वनदेवी ने अर्जुन को दिव्य शक्तियां दी थी। इसी मान्यता के अनुसार देवी के आदेशानुसार अर्जुन ने इस मंदिर की स्थापना की थी। जिसके बाद से ही माता की बनी पिंडी को देखने और पूजा-अर्चना करने के लिए लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ लगने लगी।
कहा जाता है कि अंग्रेजों के शासनकाल में एक दिन सैन्य अधिकारी शिकार करते-करते इस (Lehra devi temple) मंदिर की और आ गए। जब उन्होंने मंदिर पर भक्तों की भीड़ देखी तो पिंडी पर गोलियों की बौछार शुरू कर दी। देखते ही देखते वहां खून की धारा बह निकली। इतना खून देखकर अंग्रेज ऑफिसर डर गया और अपनी कोठी की तरफ भागा। रास्ते में उसकी और घोड़े की मौत हो गई। इस अंग्रेज बाबू की कब्र मंदिर से लगभग एक किलोमीटर दूर पश्चिम में बनाई गई है। इस घटना के बाद भक्तों की श्रृद्धा मां जगदम्बा के प्रति और बढ़ गई। अब इस मदिर में माता के दर्शन को देश के कोने-कोने से श्रद्धालु आते है।
Published on:
17 Oct 2018 02:14 pm
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