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आजमगढ़ के युवक नेपाल सीमा पर चला रहे प्राइवेट मोबाइल फोन एक्सचेंज, एसएसबी जवान भी शामिल

किराए का कमरा लेकर गुप्त रूप से चला रहे थे एक्सचेंज, गुप्चर एजेंसियों को भी नहीं लग सकी भनक।

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Mobile Exchange

मोबाइल एक्सचेंज

यशोदा श्रीवास्तव

महराजगंज. नेपाल सीमा की सुरक्षा की पोल एक बार फिर उजागर हुई। नौतनवां में प्रायवेट मोबाइल फोन के एक्सचेंज का संचालन करते एक गिरोह पकड़ा गया। हैरत की बात है कि एक्सचेंज का संचालन करने वाला गिरोह आजमगढ़ से जुड़ा हुआ है। यह जिला पूर्वांचल में आतंकी गतिविधियों के केंद्र के रूप में चर्चित है। यहां संजरपुर के रहने वाले अबूसलेम के नाते यह जिला सुर्खियों में रहा है। पूर्व में सिमी की गतिविधियों का केंद्र भी रहा है यह जिला। इससे भी चैकानें वाली बात यह है कि इस गिरोह में एसएसबी के एक जवान विनोद यादव का भी नाम सामने आया है।

सोनौली के ही रहने वाले एसएसबी जवान विनोद यादव की सानौली बार्डर पर ही तैनाती सुरक्षा में बड़ी चूक की दृष्टि से देखा जा रहा है। एसटीएफ की इस कार्रवाई की तिथि को लेकर कई तरह कई तरह की चर्चाएं भी है। लेकिन सूत्र बताते हैं कि एसटीएफ की टीम पिछले कई दिनों से खटारा सूमों से अपने अभियान में लगी हुई थी। ताकि इसकी भनक किसी को न लगने पाए। बताते हैं कि एसटीएफ ने गिरोह के सदस्यों को चार दिन पूर्व ही अपनी गिरफ्त में ले लिया था जिसका पता शनिवार को और रविवार देर रात को सरेआम हुआ।

नौतनवां में इस कनेक्शन में दो बातें अहम हैं। एक तो इसके तार का आजमगढ़ से जुड़ा होना दूसरे इस गिरोह में एसएसबी के जवान का शामिल होना। सुरक्षा एजेंसियां इस जांच में पूरी तनमयता से लगी हुई हैं।

नौतनवां में प्रायवेट एक्सचेंज संचालित होने की भनक स्थानीय गुप्तचार इकाइयों समेत पुलिस को तनिक भी नहीं लगी। वह इसलिए कि पुलिस हो या गुप्तचार तंत्र, ये अपने मूल कर्तव्य से भटक कर कमाई में लीन हो गए हैं। इन दिनों इस रास्ते भारी वाहनों का नेपाल जाना हो रहा है। देश के दूर दराज के प्रदेशों से नेपाल जाने के लिए आए सैकड़ों वाहनों का यहां कई किमी तक लंबा जाम लगा हुआ है। यह जाम स्थानीय पुलिस और अन्य सुरक्षा तंत्र के कमाई का जरिया बना हुआ। हाल ही ऐसी ही एक शिकायत की जांच में सत्यता पाए जाने पर एसपी आरपी सिंह ने नौतनवा कोतवाली के कई सिपाहियों को लाइन हाजिर किया है।

बार्डर के सुरक्षा तंत्र के भारी लपरवाही से सीमा पर तमाम किस्म के जरायम हो रहे हैं। प्रायवेट एक्सचेंज का संचालन इसी में से एक है। चर्चा है कि इस एक्सचेंज की शिकायत कसबे के ही किसी ने लखनउ एसटीएफ के आईटी सेल को की थी। इसी शिकायत के आधार पर लंबी जांच और पुख्ता सबूत के बाद एसटीएफ के आईटी सेले को यह बड़ी कामयाबी हासिल हुई। एसटीएफ की टाम ने नौतनवां के मधुबन नगर मोहल्ले में छापेमारी कर आजमगढ़ के जीयनपुर निवासी अफजल, आजमगढ़ के ही देवापार निवासी सोहराब,नौतनवां निवासी बदरे आलम तथा सानौली के विनोद यादव को गिरफ्तार किया।

एसटीएफ इन सभी को लेकर लखनउ चली गई है। इनके पास से एक्सचेंज संचालन के कई उपकरण जैसे लैपटाप,तीन अदद सिम बाक्स गेटवे,तीन राउटर,एक एक्शटेंशन बाक्स,दो डेटा केबल, निजी कंपनी के 24 पोस्टपेड सिम,पांच मोबाइल फोन तथा 22 एंटीना बरामद हुआ है।

एसटीएफ के इस कार्रवाई से स्थानीय सुरक्षा एजेंसियां स्वयं को ठगा महसूस कर रही हैं। इस बाबता पूछे जाने पर एएसपी आशुतोष शुक्ला कहते हैं कि नेपाल सीमा से सटे कसबे में सुरक्षा व्यवस्था चैकस रहती है। ऐसे मकान मालिकों को भी कानून के दायरे में लाया जाएगा जो बिना जांच किए अथवा पुलिस को बताए बाहरी लोगों को किराये पर रखते हैं। वहीं एसएसबी के सेकेंड कमांडेंट अनुलेश कुमार कहते हैं कि नौतनवां में एस्टीएफ के आईटीसेल द्वारा गिरफ्तार एसएसबी जवान के बारे में विभागीय जांच शुरू कर दी गई है। उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।

By Yashoda Srivastava