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जब तक मुलायम थे, मैनपुरी से सपा को कोई हरा नहीं पाया; अखिलेश ने सीट नहीं बचाई तो लोकसभा में यादव परिवार का कोई नहीं बचेगा

मैनपुरी में सैफई परिवार का ये पहला चुनाव है, जो मुलायम सिंह के बिना हो रहा है। अब तक मैनपुरी से चाहे धर्मेंद्र यादव ने चुनाव लड़ा हो या फिर तेजप्रताप यादव ने, सभी पर मुलायम सिंह यादव की छत्रछाया रही थी।

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मैनपुरी का उपचुनाव कोई कोरम पूरा करने वाला चुनाव नहीं होगा। यही फैसला करेगा कि राजनीति के सबसे बड़े परिवार का कोई सदस्य सांसद बचेगा या नहीं। कभी एक ही चुनाव में 6 संसदीय सीट जीने वाला ये परिवार 2019 के चुनाव में 2 पर सिमट गया था। विधानसभा के चक्कर में अखिलेश ने कुर्सी छोड़ी फिर मुलायम नहीं रहे।

अगर कोई मुलायम के परिवार का सदस्य इस चुनाव में लड़ता है और उसे जीत नहीं मिलती है तो संसद के मॉनसून सत्र में ऐसा पहली बार होगा जब 26 साल बाद राजनीति के सबसे परिवार कहे जाने वाले मुलायम के परिवार का कोई नहीं होगा।

तेज प्रताप सिंह यादव को मिल सकता है टिकट
मुलायम की विरासत को मैनपुरी में एक बार संभालने वाले तेज प्रताप सिंह यादव को समाजवादी पार्टी एक बार फिर अपना प्रत्याशी बना सकती है। हालांकि अब तक उनके नाम की आधिकारिक घोषणा नहीं हो पाई है।

प्रत्‍याशी पर माथापच्‍ची अभी भी खत्‍म नहीं हुई है। धर्मेंद्र यादव और डिंपल यादव का नाम सपाई खेमे में अब भी तेजी से चल रहा है।

साल 1996 से लेकर अब तक यह सीट सिर्फ मुलायम या उनके परिवार के पास रही है। आइए आपको अस्तित्व की लड़ाई बन चुकी मैनपुरी के रणभूमि की एक सैर करा लाते हैं…

मुलायम सिंह के बिना सैफई परिवार का पहला चुनाव
मैनपुरी में सैफई परिवार का ये पहला चुनाव है, जो मुलायम सिंह के बिना हो रहा है। अब तक मैनपुरी से चाहे धर्मेंद्र यादव ने चुनाव लड़ा हो या फिर तेजप्रताप यादव ने, सभी पर मुलायम सिंह यादव की छत्रछाया रही थी।

2014 में सैफई परिवार के सबसे अधिक थे लोकसभा सदस्य
लोकसभा में चुनकर पहुंचने वाले सदस्यों में सैफई परिवार कभी सबसे ताकतवर रहा है। इसमें आजमगढ़ से मुलायम सिंह यादव, कन्नौज से अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव, बदायूं से मुलायम सिंह के भतीजे धर्मेंद्र यादव, फिरोजाबाद से मुलायम सिंह के भतीजे अक्षय यादव और मैनपुरी से मुलायम सिंह के पौत्र तेजप्रताप यादव लोकसभा सदस्य चुने गए थे।

सपा ने 2019 में 2 सीटें लोकसभा की जीती थी
2019 के लोकसभा में केवल दो सीटें ही सपा बचा पाई थी। इसमें मैनपुरी से सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने और आजमगढ़ से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जीत दर्ज की थी।

अखिलेश ने 2022 में लोकसभा सीट छोड़ थी
2022 के विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने लोकसभा सीट छोड़ दी थी। इसके बाद सैफई कुनबे से लोकसभा में केवल मुलायम सिंह यादव ही बचे थे। अब मुलायम सिंह के निधन के बाद सपा मैनपुरी सीट हार जाती है तो लोकसभा में सबसे बड़ी संख्या में प्रतिनिधित्व करने वाले सैफई परिवार की उपस्थिति भी खत्म हो जाएगी।