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खुले आसमान के नीचे रहना पसंद करते हैं यहां के महादेव, इनके चमत्कारों के बारे में जानेंगे तो हैरान रह जाएंगे…

जानिए वनखंडेश्वर मंदिर की अनोखी कहानी। शिवलिंग पर 40 दिन जल चढ़ाने पर पूरी होती हर मुराद।

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shiv temple

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मैनपुरी। शहर से सटे ग्राम नगरिया नगला कैथ में महादेव का एक प्राचीन मंदिर है। इसे वनखंडेश्वर धाम के नाम से जाना जाता है। इस धाम की अपनी अनोखी कहानी है। मान्यता है कि यहां के भोलेनाथ चारदीवारी में रहना पसंद नहीं करते। वे खुले आसमान के नीचे रहा करते हैं। यहां सच्चे दिल से जो भी भोले बाबा की सेवा करता है, उसकी हर मुराद पूरी होती है। जानते हैं इस अनोखे मंदिर की कहानी।

यहां के पुजारी मुनेंद्र सिंह का कहना है कि ये मंदिर जहां बना है, वहां पहले चारों ओर जंगल हुआ करता था। इसलिए इस मंदिर को वनखंडेश्वर कहा जाता है। उनका कहना है कि यहां के महादेव खुले आसमान के नीचे ही रहना पसंद करते हैं। जब जब किसी ने मंदिर का निर्माण कराया, वो अपने आप ढह गया। हैरान करने वाली बात ये है कि मंदिर गिरा लेकिन शिवलिंग पर एक कंकड़ तक नहीं गिरा।

बहुत पुराना है मंदिर
पुजारी का कहना है कि ये धाम अत्यंत पुराना है। जब से लोगों ने होश संभाला है, वे इस मंदिर को देख रहे हैं। आज तक हम लोग भी बड़े बूढ़ों से इसके किस्से सुनते आए हैं। शिवरात्रि, सोमवार व सावन के सोमवार को यहां तमाम भक्तों का तांता लगता है।

40 दिन का प्रण पूरा कर पाना मुश्किल
ग्रामीणों का कहना है कि इस मंदिर में जो भक्त 40 दिनों तक शिवलिंग पर लगातार जल चढ़ाने का संकल्प लेकर अच्छी भावना के साथ पूरा करता है, उसके असंभव काम भी संभव हो जाते हैं। लेकिन ये 40 दिन पूरे कर पाना बहुत मुश्किल होता है क्योंकि इस बीच भगवान भक्त की परीक्षा लेते हैं। उस शख्स के सामने तमाम तरह की दिक्कतें आती हैं, जो उसे ऐसा करने से रोकती हैं। जो व्यक्ति उन परेशानियों पर जीत पाकर अपना संकल्प पूरा करता है, उसका नामुमकिन काम मुमकिन भी हो जाता है और भोलेनाथ की हमेशा कृपा बनी रहती है।