रिसर्च स्किल्स
एक कामयाब प्रोडक्ट बनाने के लिए मार्केट रिसर्च बेहद जरूरी है। कंज्यूमर क्या चाहता है, उसकी डिमांड और मार्केट में बढ़ते कॉम्पिटीशन से निपटने के लिए रिसर्च करना जरूरी है। रिसर्च स्किल्स और आंकड़ों की एनालिसिस एक प्रोडक्ट मैनेजर को नए मौके और खतरों से निपटने का तरीका सिखाती है। एक प्रोडक्ट को सफल बनाने के लिए प्रोडक्ट मैनेजर को ३६० डिग्री की रिसर्च और भविष्य के विजन को समझने की जरूरत होती है।
एनालिटिकल स्किल्स
मार्केटिंग से जुड़ी रिसर्च के बाद एक प्रोडक्ट मैनेजर को यह तय करना पड़ता है कि प्रोडक्ट से जुड़े निर्णय कब और कैसे लेने हैं। इसके लिए मार्केटिंग रिसर्च के आंकड़ों की एनालिसिस जरूरी है। यह एनालिसिस प्रोडक्ट को बेहतर करने के साथ कन्ज्यूमर के मुताबिक तैयार करने में मैनेजर की मदद करती है। इसे एनालिटिकल स्किल कहते हैं।
डेलिगेशन स्किल्स
एक प्रोडक्ट मैनेजर को यह मालूम होना चाहिए कि उसकी टीम का कौन सा मेम्बर किस तरह के काम को बेहतर कर सकता है, उन्हें उन्हीं के मुताबिक टास्क देना भी एक स्किल है। इस डेलिगेशन स्किल की मदद से लक्ष्य को समय से हासिल किया जा सकता है और टीम मेम्बर्स एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करते हैं।
कम्युनिकेशन स्किल
एक प्रोडक्ट मैनेजर में कम्युनिकेशन स्किल होना कई मायनों में जरूरी है क्योंकि क्लाइंट के साथ मीटिंग और प्रेजेंटेशन से लेकर हर एक जरूरी बात साझा करना पड़ता है। इस दौरान उनकी जरूरत को समझना, लिखना और ध्यान से सुनना जरूरी है। इसलिए प्रोडक्ट मैनेजर के लिए कम्युनिकेशन स्किल बेहद अहम है। कम्युनिकेशन स्किल सिर्फ क्लाइंट के लिए ही नहीं, टीम के साथ लक्ष्य हासिल करने के लिए भी होना जरूरी है।
प्रोडक्ट को सफल बनाने और उसे ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए एक बेहतरीन टीम और टैलेंटेड प्रोडक्ट मैनेजर की जरूरत होती है। प्रोडक्ट मैनेजर के नेतृत्व में ही टीम आगे बढ़ती है।