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त्रिवेणी संगम में 13 घाट मिट्टी में गायब

अस्थि विसर्जन करने पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को हो रही दिक्कतें

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त्रिवेणी संगम में 13 घाट मिट्टी में गायब

त्रिवेणी संगम में 13 घाट मिट्टी में गायब

मंडला. मां नर्मदा से तीन ओर से घीरे मंडला शहर के घाटों की स्थिति सुधारने नगर पालिका गंभीर नहीं है। यही कारण है कि कहीं घाट जर्जर हाल में पहुंच गए हैं तो कहीं मिट्टी में गायब हो गए हैं। ऐसे में श्रद्धालुओं को दिक्कतें तो हो ही रहीं है वहीं जान भी जोखिम में डालना पड़ रहा है। ऐसा ही जिला मुख्यालय के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल त्रिवेणी संगम का है। जहां आसपास गांव से ही नहीं महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के लोगों की आस्था जुड़ी हुई है। खास मुर्हूतों में तो संगम में पूण्य डूबकी लगाने जन सैलाब उमड़ पड़ता है वहीं समान्य दिनो में भी अस्थि विसर्जन के लिए दूर दूर से लोग पहुंचते हैं। पूजा अर्जना व स्नान के लिए जब घाट पहुंचते हैं तो उन्हें अव्यासस्थाओं के अलावा कुछ नजर नहीं आती है।

दरअसल वर्षों से महाराजपुर संगम घाट की सीढिय़ों से मिटï्टी नहीं हटवाई जा रही है। हाल ही में बारिश के बाद नर्मदा का जलस्तर भी सामान्य हो गया है। पानी कम होने व मिट्टी जमा होने से पानी भी गंदा हो रहा है। बताया गया कि त्रिवेणी संगम महाराजपुर में 13 घाट बने हुए हैं। लेकिन एक दो छोड़कर सभी सभी घाट उपयोग हीन है। घाटों के सामने लगभग 40 से 50 फिट आगे तक बाढ़ में आई मिट्टी जमा हो गई है। इस कारण श्रद्धालुओं को स्नान करने एवं पूजा पाठ करने में असुविधा हो रही है। हर वर्ष बाढ़ में आने वाली मिट्टी पुराव से नर्मदा जी का पाट सकरा होते जा रहा है। यही स्थिति अन्य घाटों की भी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर पालिका को मिट्टी निकालवानी चाहिए। जिससे श्रद्धालुओं को स्नान करने में लाभ मिलेगा। जमी मिटï्टी निकालने से नर्मदा का पाट सकरा नहीं होगा।


मकर संक्रांति में उमड़ती है भीड़
महाराजपुर संगम घाट में मकर संक्रांति में मेले का आयोजन किया जाता है। मकर संक्रांति के एक माह शेष है। समय रहते मिट्टी हटवाई जाती है तो श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। कुछ साल पहले तक महाराजपुर से पुरवा के बीच अस्थाई पुल बनाया जाता था जो कि अब नहीं बना रहा है। पुल में सैंकड़ो ट्राली मुरुम व मिटï्टी डालने से मिटï्टी जमा होने की शिकायत होती थी। लेकिन अब घाट साफ होने से लोंगो को लंबे समय तक राहत मिल सकती है।