मंडला. नगरीय चुनाव हुए चार माह बीतने को है लेकिन अब तक सब्जी बाजार व्यवस्थित नहीं हो सका है। फुटकर व्यापारियों के लिए लाखों की लागत से बनाया गया हॉकर्स जोन अब वीरान सा दिखाई दे रहा है। नगर के व्यस्ततम इलाकों में पार्किंग की व्यवस्था भी नहीं है। चुनाव के बाद नगर पालिका परिषद का गठन भी हो गया है लेकिन इन चार माह में परिषद का एक भी सम्मेलन आयोजित नहीं हुआ है। इस वजह से पुराने प्रस्तावित विकास कार्य लोगों के लिए केवल सपने बनकर रह गए। बताया गया है कि नगर पालिका क्षेत्र में सफाई व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हुआ है। यहां किसी भी मार्केट पर पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। खाई गंदगी से भरी हुई है। जिसके सौंदर्यीकरण के लिए प्रयास सिर्फ फाइलों तक सिमट गए हैं। बस स्टैंड में अव्यवस्था फैली हुई है। परिसर में बसों का अवैध स्टापेज बना दिया गया है। मुख्य मार्गों पर अतिक्रमण है। जिसे हटाया नहीं जा रहा है। ऐसी दर्जनो समस्याएं है जिन्हें नगर पालिका फोकस कर काम नहीं कर रही है। बता दें कि वित्तीय वर्ष 2021-22 का पुनरीक्षित एवं वित्तीय वर्ष 2022-23 का अनुमानित आय व्यय बजट प्रावधान में राजस्व आय 2862.75 लाख, पूंजीगत आय 15875.50 लाख, राजस्व व्यय 2748.10 लाख पूंजीगत व्यय 15980.00 लाख, शुद्ध बचत 10-15 लाख सर्व सम्मति से अंगीकृत किया गया है।
मनमाना हुआ कब्जा जिम्मेदार खामोश
बताया गया है कि नगर के मध्य खाई है। इसके दोनो ओर मनमाना कब्जा कर लिया गया है। समय के साथ इसकी कभी सफाई भी नहीं कराई गई। खाई में रहवासी घरो का गंदा पानी जमा हो रहा है। बाजार क्षेत्र में पूरा कचरा खाई में ही फेंका जाता है। आगे इसमें कच्चे मकान बना लिए गए है। पिछले सात साल से खाई के सौंदर्यीकरण को लेकर प्लान बनाए जा रहे है लेकिन काम कुछ भी नहीं किया जा रहा है। यहां तक पिछली परिषद ने खाई के विकास कार्य के लिए 15 करोड़ खर्च करने के लिए बजट में शामिल भी किया था लेकिन यह प्रस्ताव पर नगर पालिका तक सिमट कर रह गया है। इतनी बड़ी धनराशि को लेकर शासन स्तर से स्वीकृति मिलनी जरूरी है इसको लेकर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। वित्तीय वर्ष के बजट में परिषद के द्वारा नपा व्यावसायिक दुकानों, चौपाटी के लिए एक करोड़ 44 लाख रुपए व्यवस्था बनाने के प्रस्ताव पर सहमति थी जिसमें चौपाटी को अपग्रेड किया जाना था चौपाटी स्थल पर स्लेब बनाना था और नीचे पार्किंग की व्यवस्था होनी है।