मंडला. बोर्ड परीक्षाएं शुरू होने में अब महज करीब एक सप्ताह का समय बचा है। दसवीं बोर्ड परीक्षाएं एक मार्च और 12 वीं बोर्ड परीक्षा 2 मार्च से शुरू हो रही हैं। वहीं दूसरी ओर पूर्व में हुई गलतियों से सबक लेते हुए माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा प्रवेश पत्र से लेकर परीक्षा प्रक्रिया में भी काफी बदलाव किए गए हैं। इस बार परीक्षार्थियों को परीक्षा के समय अलग से सप्लीमेंट्री कॉपी नहीं दी जाएगी बल्कि मुख्य उत्तर में पेजों की संख्या को बढ़ाकर 32 पेज कर दिया गया है, ऐसा नकल की संभावना को कम करने के लिए किया गया है। इसी क्रम में इस बार संभवत: पहली बार है कि परीक्षार्थियों के प्रवेश पत्र स्कूलों से ही ऑन लाईन निकालकर दिए जा रहे हैं इसका उद्देश्य यह बताया जा रहा है कि मंडल पूरी तरह यह सुनिश्चित करना चाहता है कि परीक्षार्थियों की जो जानकारी पूर्व में दर्ज कराई गई है वह पूरी तरह सही है, ताकि परीक्षा के बाद जो अंकसूची विद्यार्थियों को दी जाए, उसमें किसी तरह के संशोधन की जरूरत न रहे।
भराया जा रहा है बाण्ड
प्रवेश पत्र स्कूलों से ही पोर्टल के माध्यम से निकालकर प्रभारियों के सील, साइन के साथ विद्यार्थियों को दिए जा रहे हैं। वहीं कोई भी सरकारी या निजी स्कूल प्रभारी प्रवेश पत्र तभी निकाल सकते हैं जब उनके द्वारा यह सुनिश्चित किया गया हो कि उनके स्कूल से जो परीक्षार्थी बोर्ड परीक्षा में शामिल हो रहे हैं उनके नाम, माता-पिता, पता आदि सभी जानकारी पूरी तरह सही है। इसके लिए मंडल द्वारा पूर्व से स्कूल प्रभारियों द्वारा एक बोण्ड भराया गया है। जानकारी अनुसार मंडल ने आदेश जारी किए थे जिसमें मंडल की वेबसाइट से एक फार्म डाउनलोड किया जाकर उसमें इस बात का उल्लेख किया जाना था कि उनके स्कूल में सभी बोर्ड परीक्षार्थियों की जानकारी सही है इसके बाद उस फार्म को पुन: ऑन लाईन अपलोड किया जाना था लेकिन कई स्कूल प्रभारियों ने समय रहते यह फार्म ही अपलोड नहीं किया, जिसके कारण अब माशिमं द्वारा जुर्माना स्वरूप स्कूल प्रभारियां से एक हजार रुपए का शुल्क और 25 रुपए पोर्टल शुल्क वसूला जा रहा है। जिले में प्राइवेट स्कूलों की अपेक्षा सरकारी स्कूलों की संख्या अधिक है जिन्होंने प्रवेश पत्र डाउनलोड करने के लिए जरूरी यह फार्म ही नहीं भरा था अब ऐसे स्कूलों के प्रभारियों द्वारा समय में यह बाण्ड जमा नहीं करने पर अब जुर्माना जमा करने के साथ बाण्ड अपलोड कराया जा रहा है। अभी तक मंडल कक्षा 10 वीं एवं 12वीं की परीक्षाओं के विद्यार्थियों के प्रवेश पत्र प्रिंट कराकर आंचलिक कार्यालयों को भेजता था। आचंलिक कार्यालय संबंधित स्कूलों तक यह प्रवेश पत्र पहुंचाते और स्कूल विद्यार्थियों को यह प्रवेश पत्र वितरित करते थे।