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चंडी पूजा कर ढोल की धुन पर नाचे अहीर

राजीव कालोनी में भरी मड़ई, लोगों का उमड़ा सैलाब

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चंडी पूजा कर ढोल की धुन पर नाचे अहीर

चंडी पूजा कर ढोल की धुन पर नाचे अहीर

मंडला. दीपावली पर्व की भाईदूज से लेकर देवउठनी ग्यारस तक क्षेत्र के ग्रामो में मड़ई मेले भरने की पुरानी परंपरा है। मेले की खास बात यह है कि क्षेत्र के कुछ ग्राम ऐसे भी है, जिनकी मड़ई मेले का आयोजन मशहूर है। जिनमें शिरकत करने क्षेत्रवासियों व नगर के लोगों का सैलाब उमड़ पड़ता है। मड़ई मेले का दौर शुरू होते ही यादव समाज के लोग ढोल नगाड़े के साथ नृत्य कर सबका मन मोहते हैं।

जानकारी अनुसार मुख्यालय के समीपस्थ ग्राम देवदरा के राजीव कालोनी में देव उठनी ग्यारस के एक दिन पहले मड़ई भरी जाती है। राजीव कालोनी मड़ई में पंडा ने चंडी देवी की पूजा कर ढोल मंजीरे की धुन के साथ अहीर समाज ने जयकारे लगाए। परंपरागत वेशभूषा में ढोल की धुन पर झूमते अहीरों को देखने लोगों का तांता लगा रहा। राजीव कालोनी के मेहर बाबा ट्रस्ट के बगीचे में मड़ई का आयोजन किया गया। मड़ई में पहुंचे अहीरों ने बीच मड़ई स्थल मैदान में चंडी लगाकर उसके चारों ओर नाचते गाते हुए पूजन किया। मड़ई यदि कुछ विशेष आकर्षण होता है तो वह है परंपरागत वेशभूषा में सजे अहीरों का नृत्य।

इसके आलावा मड़ई में आने वाले लोग झूला झूलने के लिए उमड़ पड़े। यहां भी झूले के इर्द गिर्द लोगों का हुजूम लगा रहा। झूले को लेकर बच्चों में खासा उत्साह देखा गया। वही बड़े झूले के पास युवक, युवतियों की भीड़ लगी रही। गुड़ की मिठाइयां, सिंघाडे, गुब्बारे, गन्ने की मड़ई में अधिक बिक्री हुई।

ग्राम पंचायत ने किए इंतजाम

दुकानदारों को कोई परेशानी न हो इसके लिए पंचायत द्वारा इंतजाम किए गए। शहर के नजदीक होने के कारण शहर के अधिकतर व्यापारी ने अपनी दुकानें राजीव कालोनी मड़ई में सजाई। व्यापारी अपनी दुकाने लेकर सुबह 10 बजे से मड़ई स्थल पहुंच गए। दोपहर बाद मड़ई में लोगों का आना प्रारंभ हो गया। शाम होते ही क्षेत्र के अहिरों के नृत्य लोगों की चहल पहल मड़ई में चार चांद लगा दिया। शहर के नजदीक होने के कारण इस मड़ई में नगरवासी भी खरीदी करने पहुंचे। मेला प्रागंण खचाखच भरा हुआ था। महिलाएं, पुरूष, बच्चे, बुजूर्ग सभी लोग मेले में खरीदी के लिए पहुंचे।