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मदमस्त होकर अहीरों ने किया नृत्य

आसपास क्षेत्र के अन्य गांवो में मड़ई ब्याही गई

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मदमस्त होकर अहीरों ने किया नृत्य

मदमस्त होकर अहीरों ने किया नृत्य

मंडला. पैरों में घुंघरु और पारम्परिक वेशभूषा में मदमस्त होकर नृत्य करते अहीरों की टोली के गीतों की धुन ऐसी कि सुनने वाले भी थिरकने से खुद को न रोक सकें। जिले में दीवाली के बाद मड़ई का दौर शुरू हो गया है। शनिवार को जिला मुख्यालय के समीपी ग्राम बिनैका, औघटखरी व आसपास क्षेत्र के अन्य गांव में मड़ई ब्याही गई। इस दौरान अहीरी नृत्य मंडलियां दुकानों और घरों मे जाकर परम्परा अनुसार नृत्य प्रस्तुत किए। अमावस्या की रात से प्रारंभ अहीरों का यह नृत्य पूर्णिमा तक जारी रहता हैं। बिनैका मड़ई में भी अहीर नृत्य अकर्षण का केन्द्र रहा जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। बताया गया कि अहीर नृत्य के लिए जिन परंपरागत वस्त्रों को धारण किया जाता है पहले उनकी पूजा की जाती है। टोली जिस घर में जाती है वहां उनका टीका लगाकर सम्मान किया जाता है और उपहार दिया जाता है। अहीरों की टोली नगर सहित ग्रामीण अंचलों में प्रतिदिन सज धज कर निकलती है। उनके साथ गाजे-बाजे चलते है। शृंगार में अहीरी वेशभूषा आकर्षक रहती है जो कौडिय़ों से जड़ी रहती है। नृत्य के दौरान बांसुरी वादन कर गीतों की प्रस्तुति मनमोह लेती है। बिनैका में सेमरखापा, खैरी, कोन्ड्रा सहित शहरी क्षेत्र के लोग भी पहुंचे। नगरवासियों ने मेला जाकर खुब खरीदी की। मड़ई की शुरूआत करीब चार बजे चंडी पूजा के साथ की गई। बिनैका मड़ई में पंडा ने चंडी देवी की पूजा अराधना की और ढोल-मंजीरे की धुन के साथ अहीरों ने जयकारे लगाए। परंपरागत वेशभूषा और धुन पर झूमते अहीरों को देखने वालों का तांता लगा रहा। खैरखा मोहल्ला के मैदान में मड़ई का आयोजन किया गया। दुकानदारों को कोई परेशानी न हो इसके लिए पंचायत इंतजाम किए गए। शहर के नजदीक होने के कारण शहर के अधिकतर व्यापारियों ने अपनी दुकाने बिनैका मड़ई में सजाई। व्यापारियों द्वारा अपने साजों समान लेकर सुबह 11 बजे ही मड़ई स्थल पर पहुंच गए।

झूले आकर्षण का केंद्र

मड़ई में बड़े व छोटे झूले आकर्षण का केद्र बने रहे। दोपहर बाद मड़ई स्थल पर लोगों का पहुंचना शुरु हो गया। शाम पांच बजे के बाद क्षेत्र में अहिरों के नृत्य लोगों की चहल पहल ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया। मड़ई नगर के ग्रामीण अंचलों में विभिन्न ग्रामों अलग-अलग तिथियों में आयोजित किया जाएगा। रविवार को पदमी व सेमरखापा में मड़ई ब्याही जाएगी।