
अक्षरा को मिली निशुल्क इलाज की मदद
मंडला। शीघ्र पहचान एवं हस्तक्षेप केन्द्र ने जिला मुख्यालय के सिंहवासिनी वार्ड निवासी अमित कांसकार की 9 वर्षीय बेटी अक्षरा के हृदय रोग के सफल उपचार में सहयोग किया है। परिवार को अक्षरा के हृदय रोग का पता तब चला जब वह मात्र 6 माह की थी। बेटी की समस्या सुनकर पूरे परिवार पर जैसे पहाड़ टूट गया। पिता अमित ने बेटी अक्षरा का रायपुर में भी परीक्षण कराया किन्तु उम्र कम होने के कारण तत्काल इलाज संभव नहीं हो सका। चिकित्सकों ने कहा कि अक्षरा का इलाज 5 वर्ष की उम्र के बाद ही संभव हो पाएगा। विपत्ति के इस दौर में पिता अमित ने हार नहीं मानी और उन्होंने यथाशक्ति अलग-अलग चिकित्सालयों में बेटी अक्षरा के इलाज का पूरा प्रयास किया। इसी बीच अमित जिला चिकित्सालय स्थित शीघ्र पहचान एवं हस्तक्षेप केन्द्र पहुंचे। यहां आरबीएसके प्रबंधक राजाराम चक्रवर्ती ने अक्षरा के सभी दस्तावेज तैयार करने और उन्हें अलग-अलग शहरों के हॉस्पिटल में परीक्षण के लिए भेजने में मदद की। अक्षरा की कम उम्र के कारण चिकित्सकों ने इलाज के लिए हामी नहीं भरी। इसके बाद आरबीएसके की मदद से अक्षरा को पुन: जांच के लिए पहले बैंगलोर स्थित नारायण हृदयालय और फिर मुंबई भेजा गया। मुंबई के एसआरसीसी चिल्ड्रन हॉस्पिटल के चिकित्सकों ने अक्षरा के परीक्षण के बाद उपचार के लिए अपनी सहमति दे दी। शासन की ओर से अक्षरा के संपूर्ण इलाज के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजा गया जिसके पश्चात् अक्षरा की सफल सर्जरी हो गई। अब अक्षरा पूर्णत: स्वस्थ है। माता-पिता भी बेटी अक्षरा को स्वस्थ देखकर खुश हैं। अक्षरा का सर्जरी के बाद समय-समय पर फॉलोअप भी किया गया। अब वह स्वस्थ होने के साथ ही सामान्य भी है। अक्षरा के पिता अमित का कहना हैं कि बेटी के इलाज का सारा खर्चा शासकीय रूप से ही प्राप्त हुआ। पैसे की संपूर्ण व्यवस्था में सभी आरबीएसके द्वारा सहयोग किया गया।
Published on:
10 Jan 2020 08:11 pm
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