
देव दुर्लभ हुए विधायक सैयाम, सिर्फ पार्टी कार्यक्रमों तक बनाई सक्रियता
मंडला. चाहे विधानसभा चुनाव हो या लोकसभा चुनाव, जीत के बाद नेता जनता के बीच से जिस तरह से गायब होते हैं जैसे उन्हें जमीन खा गई हो या आसमान निगल गया हो। ऐसे ही नेता हैं मंडला विधानसभा के विधायक देवसिंह सैयाम। जो न जनता के बीच दिखाई दे रहे हैं और न ही उनकी समस्याओं के समाधान के लिए सक्रिय हैं। यह प्रश्न तेजी से मंडला विधानसभा के उन सभी मतदाताओं के मन में कौंध रहा है जिन्होंने इस उम्मीद से देवसिंह के सिर पर जीत का सेहरा बांधा था कि वे विधानसभा क्षेत्र का वह विकास कर पाएंगे जिसे पिछले विधायक संजीव उइके पूर्ण करने में असफल हो गए थे। हालांकि विधायक के रूप में संजीव कम से कम जनता के बीच सुलभ तो थे, लेकिन वर्तमान विधायक सैयाम से यदि जनता को मिलना हो तो जिला मुख्यालय से कई किमी दूर उनके गृह ग्राम झुलपुर जाना पड़ रहा है। अथवा ऐसी कोई बैठक का इंतजार करना पड़ रहा है जिसे भाजपा पार्टी कार्यालय में आयोजित किया जाना हो। विधायक सैयाम सिर्फ अपने पार्टी कार्यक्रमों में ही दिखाई दे रहे हैं। मंडला मुख्यालय पर ऐसा उनका कोई ठिकाना नहीं है जहां जनता अपनी समस्याएं लेकर पहुंच सके।
विधायक सैयाम न ही फोन पर उपलब्ध होते हैं और न ही पार्टी के अन्य पदाधिकारियों को इस बात की इस बात की जानकारी उपलब्ध है कि मंडला विधायक कहां हैं? यदि कोई व्यक्ति ज्यादा ही जोर देकर जानना चाहे कि विधायक से मिलना ही है तो यह कहकर पार्टी पदाधिकारी पल्ला झाडऩे को विवश हैं कि विधायकजी किसी बैठक में होंगे, किस बैठक मेंं होंगे, इस बात का जवाब उनके पास नहीं।
समस्या से सरोकार नहीं
गौरतलब है कि जिले के अन्य दो विधानसभा क्षेत्र निवास और बिछिया में लगातार आए दिन चौपालें आयोजित की जा रही हैं और उनमें जनता की समस्याओं को जानने का प्रयास किया जा रहा है। साथ ही समस्याओं के निराकरण भी किए जा रहे हैं। उक्त दोनों विधानसभाओं में अब तक लगभग एक दर्जन चौपालों का आयोजन भी किया जा चुका है लेकिन मंडला विधानसभा क्षेत्र के लोगों का दुर्भाग्य कि इस क्षेत्र के विधायक ने न ही अब तक कोई चौपाल आयोजित कराई है और न ही जनता के समस्याओं को जानने के लिए उनके बीच पहुंचने में कोई दिलचस्पी दिखा रहे हैं। यही कारण है कि मंडला विधानसभा क्षेत्र की जनता अपने नेता को ढूंढ रही है कि कहीं मिलें तो कम से कम समस्या ही सुन लें। हाल ही में मंडला विधानसभा के सेमरखापा गांव की महिलाओं ने सुबह-सुबह क्षेत्र में चकाजाम कर दिया था क्योंकि उनके क्षेत्र में पेयजल की सुुविधा का सर्वथा अभाव है। उनकी समस्याओं के निराकरण के लिए मौके पर मंडला विधायक सैयाम नहीं, बल्कि निवास विधायक डॉ अशोक मर्सकोले पहुंचे थे और संबंधित विभाग के अधिकारियों को मौके पर ही बुलाकर सख्त निर्देश देकर पेयजल उपलब्ध कराने की बात कही। विधायक की यह कार्यशैली भारतीय जनता पार्टी को लोकसभा चुनाव में नुकसान भी पहुंचा सकती है।
Published on:
31 Jan 2019 03:21 pm
बड़ी खबरें
View Allमंडला
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
