
शनि देव की भक्ति में लीन हुए भक्त
मंडला. नैनपुर. शनि देव की जयंती रविवार को धूमधाम से मनाई गई। शनि मंदिरों में सुबह से ही साढ़े साती और ढ़ैया के निवारण के अनुष्ठान चलते रहे। वहीं भक्ति भावना से ओतप्रोत होकर श्रृद्धालुओं ने जगह-जगह भंडारों का आयोजन किया। शास्त्रों में ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या को शनि महाराज की जयंती होने के कारण समूचा हिंदू समाज शनि देव को पूजने के लिए उनके मंदिरों में उमड़ पड़ा। रपटा स्थित शनि मंदिर में तो सुबह ब्रहममुहूर्त से ही शनि प्रतिमा के अभिषेक का सिलसिला देखा गया। जिसमें पीत वस्त्र धारण कर श्रृद्धालु अपने सांसारिक कष्टों से निवारण के लिए शनि महाराज की प्रतिमा को तेल से स्नान कराया। मंदिरों में सुबह हवन पूजन के साथ दोपहर में शनिदेव महाराज की महाआरती और विशाल भंडारा आयोजित हुआ। साथ ही शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि इस दिन अगर आप व्रत रखते हैं तो अति लाभकारी माना जाता है और आप शनिदेव की प्राप्त कर सकते हैं। मान्यता है कि ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को शनि देव का जन्म हुआ था। इसलिए ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को शनि जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस दिन दान का भी अधिक महत्व है।
नैनपुर नगर में निर्धारित कार्यक्रम के तहत बुधवारी बाजार स्थित श्री शनि मंदिर में 30 मई की सुबह 5 बजे से मंत्रोच्चार के साथ पूजन प्रारंभ की गई। पूजन में बड़ी संख्या में भक्त माताओं बहनों की उपस्थिति रही। पूजन बाद हवन आरती कर दोपहर बाद भजन कीर्तन संचालित रहा। शाम 7 बजे महाआरती की गई। बाद इसके प्रसादी का वितरण कर भंडारा प्रारंभ किया गया। देर रात्रि तक भंडारा संचालित रहा। दिनभर शनिदेव को तेल तिल ओर प्रसाद अर्पित किया गया। मंदिर में पूजन पाठ चलते रहे। नगर के वार्ड क्रमांक 10 में स्थित श्रीगणेश मंदिर परिसर पर विराजमान शनिदेव भगवान की दिनभर पूजन की जाती रही। वार्ड क्रमांक 1 चकोर नदी के किनारे स्थापित शनिदेव जी के मंदिर में भी पुजन पाठ आरती प्रसाद वितरण किया गया। खैरापति महारानी के मंदिर परिसर पर भी शनिदेव की पूजा भक्तों के द्वारा की गई और मनोवांक्षित मनोकामना पूरी करने प्राथना की गई।
Published on:
31 May 2022 02:48 pm
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