
घर में धातु का कछुआ रखने का सही तरीका, मुहूर्त और दिशा जो देती है सुख-समृद्धि
मंडलाः जैसे जैसे लोगों को घर में धातु का कछुआ रखने के लाभ पता चलते जा रहे हैं, इसका चलन काफी तेजी से बढ़ने लगा है। कई लोग अपने वर्किंग टेबल पर, घर के ड्राइंग रुम में या घर के किसी कोने में धातु के कछुए को रखा करते हैं। इसका कारण यह है कि, शास्त्रों के अनुसार कछुए को घर में रखना बहुत शुभ माना जाता है। इसके रहने से घर में सुरक्षा और स्थिरता दोनों रहती हैं। मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध ज्योतिषों में शामिल पंडित श्यामनारायण व्यास ने बताया कि, सिर्फ किसी को देखकर या सुनकर घर में कहीं भी कछुआ नहीं रख देना चाहिए। इसके लिए वास्तु और फेंगशुई दोनों में स्थान निश्चित किए गए हैं। इनको रखने की एक विधि भी है और मुहूर्त भी। अगर आप इन चीजों का ध्यान रखकर घर में वास्तु द्वारा बताई जगहों पर कछुआ रखेंगे तो आपको इसका सटीक लाभ मिलेगा।
कछुआ भगवान विष्णु का अवतार होता है, सतयुग में समुद्र मंथन के समय जब मथनी बनाकर रखे एक मदरांचल पर्वत को समुद्र में स्थिर करना था तब भगवान विष्णु ने कछुए का अवतार लेकर अपनी पीठ पर पर्वत को रखा था। इसे कूर्म अवतार कहा जाता है। इस कारण भी इसे शुभ माना जाता है। ये पहाड़ जैसी चीज को भी अपनी पीठ पर स्थिर कर लेता है इसलिए इसे घर में रखा जाता है ताकि घर में स्थिरता का माहौल रहे।
इसलिए शुभ माना जाता है घर में कछुआ
-कछुआ भगवान विष्णु के कूर्म अवतार का प्रतीक है। ये घर में शुभ माहौल बनाता है।
-कछुए की उम्र सबसे ज्यादा होती है, कई बार कछुए 200 से 300 साल तक जीते हैं। इस कारण ये अपने आसपास
-कछुए की चाल बहुत धीमी और सधी हुई होती है। इसी कारण उसके आसपास की जो एनर्जी होती है वो भी धीरे ही चलती है।
-कछुए की पीठ सबसे मजबूत पार्ट होती है, वो भारी से भारी चीज भी अपनी पीठ पर सह लेता है। इससे ये हमारे ऊपर आने वाली बुरी ताकतों को भी सहन कर जाता है।
-कछुआ बहुत संवेदनशील होता है, कोई भी मुसीबत आने पर वो सबसे पहले सतर्क होता है। इसकी इसी आदत का सीधा असर हमारे स्वभाव पर भी पड़ता है। हमें आने वाली परेशानियों के बारे में पहले से ही पता चलने लगता है।
वास्तु के अनुसार घर में इस तरह रखें कछुआ
-घर में तांबे का कछुआ पूर्णिमा पर रखना चाहिए। क्योंकि इसी तिथि को भगवान विष्णु ने कूर्म अवतार लिया था।
-पूर्णिमा पर कछुआ सुबह खरीद कर लाएं फिर उसे कच्चे दूध में डूबाकर रख दें।
-दोपहर 12.15 से 12.45 के बीच या इसी समय का अभिजीत मुहूर्त पंचांग में देखकर कछुए को दूध से निकालें, उसे साफ पानी से धोएं।
-तांबे चौड़े बाउल या कांच के बाउल में थोड़ा पानी भर कर कछुए को उसमें स्थापित कर दें।
-कछुआ पानी में रहने वाला जीव है सो इसके लिए पानी वाली दिशा यानी घर का उत्तर-पूर्व कोना सबसे अच्छा माना गया है।
-कछुए की कूर्म अवतार के रूप में पूजा करें, उसे कुंकुम चावल चढ़ाएं।
-11 बार ऊँ श्रीं कूर्माय नमः मंत्र का जाप करें।
-कछुए को घर के अंदर आने वाली स्थिति में रखें। बाहर जाने वाली नहीं। इससे आपके घर में लक्ष्मी स्थिर होगी।
Published on:
31 Oct 2018 04:41 pm
बड़ी खबरें
View Allमंडला
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
