
कच्ची बदहाल सडक़ पर चलना मुश्किल
निवास. जिले का बैगा बाहुल्य गांव अभी भी मूलभूत बुनियादी सुविधाओं का इंतजार आज भी कर रहा है लेकिन वह सुविधाएंं उनको नहीं मिल पा रही है। वहीं प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना अंतर्गत गांव-गांव, टोला-टोला में सडक़े बनाई जा रही है लेकिन आज भी कुछ ऐसे क्षेत्र गांव है जो कि वर्षों से सडक़ के लिए तरस रहे हैं। ऐसा ही एक मामला निवास जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत जिलहटी के पोषक ग्राम चौदस का सामने आया है। जिसकी आबादी लगभग 650 हैं वहीं ग्राम में उपस्वास्थ्य केन्द्र भवन सहित एवं प्राथमिक शाला स्कूल भवन भी हैं। परन्तु इन तक पहुंचने के लिए पक्की रोड नहीं हैं। बरसात में कीचड़ से होते हुए यहां पहुंचना पड़ता है। वहीं कीचड़ के कारण तो बड़े वाहन भी ग्राम तक नहीं पहुंच पाते हैं। बरसात में जननी वाहन भी नहीं पहुंच पता हैं। ग्रामीणों द्वारा गर्भवती महिला को वाहन तक पैदल लाना पड़ता है। लगभग 20 वर्षों से यहां लोग इस समस्या से जूझ रहे हैं। कई बार जनप्रतिनिधियों व स्थानीय प्रशासन से लेकर उच्च आधिकारियों तक गुहार लगाई लेकिन अब तक किसी ने सुध नहीं ली है। बताया गया कि मेन रोड से एक किलोमीटर की मार्ग में सिर्फ 450 मीटर रोड का निर्माण लगभग 7 माह पूर्व किया गया था उसके बाद जो काम रुका आज दिनांक तक आधुरा पड़ा है।
जिम्मेदार नही दें रहे सडक़ पर ध्यान
आधिकारियों का कहना है कि आदिवासी बस्ती विकास योजना के द्वारा 10 लाख रुपए स्वीकृत हुए थे जिसमें तीन लाख रुपए ग्राम पंचायत द्वारा भी मिलाकर उक्त 450 मीटर का निर्माण किया गया है। आगे जैसे ही फंड आएगा कार्य शुरू कर दिया जाएगा। वहीं सालों से रोड निर्माण को लेकर ग्रामवासी परेशान हो रहे है वहीं अब ग्रामीणों में आक्रोश भी देखा जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि कई बार शासन प्रशासन व जनप्रतिनिधियों से आवेदन निवेदन भी किया परंतु ग्रामीणों की समस्याओं की ओर न ही पंचायत ध्यान देती है। और ना ही अधिकारी जनप्रतिनिधि आज तक रोड निर्माण का कार्य नहीं किया गया। जिसको लेकर ग्राम वासियों में आक्रोश व्याप्त है।
रोड़ नहीं तो वोट नहीं की दी चेतावनी
ग्राम वासियों का कहना है कि रोड निर्माण का कार्य शीघ्र नहीं किया गया तो धरना प्रदर्शन व आने वाले विधानसभा चुनाव में पोषक ग्राम चौदस के पोलिंग बूथ में वोटिंग नहीं करेंगे। चुनाव का बहिष्कार करेंगे और ग्रामीणों द्वारा कहा जा रहा है कि शासन की विभिन्न प्रकार की योजनाओं की जानकारी भी समय पर सचिव, सरपंचों के द्वारा नहीं मिल पाती सरपंच-सचिव किसी प्रकार की योजना की जानकारी ग्रामीणों को नहीं देते हैं। जानकारी के अभाव में शासन द्वारा चलाई जा रही योजनाओं से ग्रामीण जन वंचित रह जाते हैं। गौरतलब है कि ग्रामीणों ने मांग की है कि जल्द से जल्द उनके गांव में रोड़ का निर्माण किया जाए शासन-प्रशासन द्वारा चलाई जा रही विभिन्न प्रकार की योजनाओं का लाभ दिया जाए। यदि ऐसा नहीं होता है तो आंदोलन के लिए ग्रामीण विवश होंगे।
उग्र आंदोलन के साथ होगा धरना
वर्षों से रोड की समस्या से जूझ रहे ग्रामीण जन अब आक्रोशित नजर आ रहे हैं। सोंन कुमार गोलियां, हरिदीन बर्मन, ओम प्रकाश झारिया पंच, दीपक गोलिया आदि ने बताया कि हमारे ग्राम में कई बार बड़े-बड़े राजनीति कार्यक्रम व आधिकारियों का दौरा भी रहता है इसी दौरान हमने उक्त समस्या से अवगत भी कराया। लेकिन हमारी कोई नहीं सुन रहा है। अब हम शांत नहीं बैठेंगे जल्द ही उग्र आंदोलन किया जाएगा। जिसकी जवाबदारी स्थानीय प्रशासन की रहेगी।
लो वोल्टेज की भी बनी समस्या
ग्राम में नल जल योजना तो संचालित हैं। लेकिन बिजली की पूरे ग्राम में लो वोल्टेज की समस्या बनी हुई है। जिसको लेकर हमने कई बार संबधित विभाग को अवगत कराया है। लेकिन स्थिति जस की तस हैं जिसके कारण हमें नल-जल योजना में भी परेशानियों का सामना उठाना पड़ रहा है। आक्रोशित ग्रामीणों का कहना है कि जनप्रतिनिधि से लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधि जब चुनाव का समय था तो सभी जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों को कहा गया था लेकिन आज तक किसी ने सुध नहीं ली। कुछ जनप्रतिनिधि तो चुनाव जीतने के बाद ग्राम नहीं पहुंचे हैं।
इनका कहना है
हमारे द्वारा अनेकों बार जनप्रतिनिधियों को एव प्रशासन को रोड की समस्या को लेकर अवगत कराया गया। लेकिन यहां पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। अब हम शांत नहीं रहेंगे। समय आया तो उग्र आंदोलन करेंगे।
दीपक गोलिया, युवा ग्रामीण
खेती किसानी हो या बाजार में खरीदी विभिन्न कार्यों से दो पहिया वाहन से निवास सहित अन्य जगह जाना पड़ता है। अभी बारिश नहीं हैं तो ठीक है। लेकिन थोड़ी सी बारिश के बाद ही स्थिति चलने लयाक नहीं रहती।
सोन कुमार गोलिया, स्थानीय ग्रामीण
अधिकारियों व जन प्रतिनिधियों को समस्या से अवगत कराया गया है। कोई सुध नहीं ले रहा है। कई जनप्रतिनिधि तो ऐसे हैं, जो चुनाव के बाद से दर्शन तक नहीं दिए हैं। लोगों की समस्या से कोई सरोकार नहीं है।
हरी दिन बर्मन, ग्रामीण
ग्राम में रोड की समस्या तो है ही लेकिन ग्राम में बिजली की भी समस्या बनी रहती है। लो बोल्टेज के कारण बिजली से चलने वाले समान खराब हो रहे हैं। जिससे आर्थिक समस्याओं से भी जूझना पड़ता है।
ओम प्रकाश झारिया, ग्रामीण
आदिवासी बस्ती विकास योजना के द्वारा 10 लाख रुपए स्वीकृत हुए थे, जिसमें 3 लाख रुपए और ग्राम पंचायत द्वारा भी मिलाकर उक्त रोड 450 मीटर का निर्माण कराया गया है। आगे जैसे ही फंड आएगा अधूरी सडक़ फिर शुरू कर दी जाएगी।
दीप्ति यादव, सीईओ, जनपद पंचायत निवास
Published on:
04 Feb 2022 05:26 pm
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