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भारी बारिश में जिले की नदी-नाले उफान पर

उफनाती नदियों के तटीय ग्रामों में बढ़ा रहे सुरक्षा के प्रयास

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Due to heavy rain, the river and drains of the district are in spate

Due to heavy rain, the river and drains of the district are in spate

मंडला. महज कुछ घंटों में 55.6 मिमी की बारिश ने पूरे जिले की व्यवस्था को पटरी से उतार दिया। बारिश ऐसे हुई जैसे आसमान फट पड़ा हो। अचानक हुई तेज और मूसलाधार बारिश मे बरसाती नाले उफान पर आ गए और स्थानीय नदियों के साथ मिलकर उनका जलस्तर बढ़ा दिया। इससे कई निचले क्षेत्रों के कस्बों में पानी भर गया। छोटे पुल और निचली पुलिया कई घंटों के लिए जलमग्न हो गए। दर्जनों ग्रामीण इलाके के पहुंच मार्ग मुख्य मार्गों से कट गए। इससे आवागमन कई घंटों के लिए बाधित हो गया। चाहे मंडला-मोहगांव रूट हो या मंडला-ङ्क्षपडरई-नैनपुर रूट, नैनपुर-बालाघाट रूट हो या मंडला-जबलपुर रूट। भारी बारिश में सभी रूट पर आवागमन बाधित हो गया। भले ही मंडला-जबलपुर रूट पर कोई पुलिया नहीं जो जलमग्न हुई हो। लेकिन हाइवे की बदहाली और जर्जर हालत के कारण इस रूट में भी आवागमन बाधित रहा।
दो जिलों को जोडऩे वाला पुल जलमग्न
क्षेत्र में लगातार झमाझम बारिश होने से 16 सितम्बर को सुबह 8 बजे थावर बांध का जल स्तर 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 65 प्रतिशत दर्ज किया गया। जल संग्रह का प्रतिशत बढऩे से किसानों ने चैन की सांस ली। खेतों में भी बारिश का पानी भर गया जिससे किसानो के चहरे खिल उठे। तेज बारिश होने से ग्रामीण क्षेत्रों के नदी-नाले उफान पर आ गए। नैनपुर से पिंडरई मार्ग व सर्रा मार्ग पर निवारी रूक्मिणी नदी, नैनपुर से मक्के, बन्धा मार्ग पर थावर नदी सहित अनेक छोटे नालों में बने पुल पर करीब 6 बजे बाढ़ आ जाने से आवागमन बन्द हो गया। दो जिलों को जोडऩे वाले नैनपुर सिवनी मार्ग पर थावर नदी पर बने पुल पर बुधवार करीब 11 बजे से लेकर सुबह 5 बजे तक रास्ता बन्द रहा। पुल पर 2 से 3 फिट पानी दर्ज किया गया। नदी में तेज पानी बाढ़ को देखते हुए थाना प्रभारी आर एम दुबे नैनपुर ने पुलिस बल तैनात किया। जिसकी निगरानी एसआई रमेश पाल द्वारा की गई ताकि आवागमन के दोरान कोई घटना दुर्घटना न हो सके।
लोगों के घर में घुसा पानी
विकास खंड नैनपुर से लगे ग्राम पंचायत रेवाड़ा में बुधवार को लगातार हुई तेज बारिश के चलते पंचायत के सामने वाला मोहल्ला वार्ड क्रमांक 5 जलमग्न हो गया। घरों में पानी भर गया और गृहस्थी के सामानों की क्षति हुई। पीडि़त परिवारों को सारी रात जागकर बितानी पड़ी।
स्थानीय वार्डवासी अवध यादव, परमानंद श्रीवास, रामलाल यादव एवं अन्य के द्वारा बताया गया कि वार्ड में नाली का निर्माण नहीं होने के कारण यह समस्या पिछले दो तीन वर्षो से बनी हुई है। वार्डवासियों द्वारा अनेक बार ग्राम पंचायत को लिखित एवं मौखिक रूप नाली निर्माण के लिए अवगत कराया गया और बारिश से पहले भी सरपंच जगत सिंह धुर्वे को सूचित कर जल निकासी के लिए नाली निर्माण के लिए कहा गया था पर ग्राम सरपंच द्वारा हर बार की तरह आश्वासन देकर कहा गया कि जल्द ही नाली का निर्माण कार्य कर दिया जाएगा लेकिन आज तक निर्माण कार्य नहीं कराया गया और जहां नालियों का निर्माण कार्य हुआ वहां भी सफाई का कार्य नहीं हुआ। वार्डवासी बहुत परेशान है उनका कहना है कि प्रत्येक बारिश होने पर यह स्थिति बनी रहती है। तेज बारिश होने पर कई दिनों तक जल भराव की स्थिति बनी रहती है जिससे अनेक प्रकार की बीमारियों और जीवजंतुओं का खतरा बना रहता है।
जिले भर में पिछले चार वर्षों से बिछिया क्षेत्र के जगनाथर गांव में जलभराव की स्थिति बन रही है। इसके अलावा जिला मुख्यालय के उपनगरीय क्षेत्र महाराजपुर के संगम क्षेत्र में बारिश के पानी से खतरा बना रहता है। जानकारी के अनुसार, बिछिया का जगनाथर गांव निचले क्षेत्र में होने के कारण बरसाती नालों की चपेट में आसानी से आ जाता है। जान माल का खतरा बना होने के कारण इस गांव को संवेदनशील माना गया है।