मंडला. सावन माह इस वर्ष दो माह का रहा, 28 अगस्त को सावन माह का अंतिम व आठवां सोमवार था। शिव भक्त दो माह तक भोले की भक्ति में डूबे रहे। नगर समेत जिले के अन्य क्षेत्रों में भोले के जयकारों से गुंजायमान रहा और भक्त दिन भर भोले की भक्ति में लीन रहे। शिवालयों में जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक के लिए भक्तों का तांता दिनभर लगा रहा। भक्तों ने शिवलिंग पर आक-धतूरा बिल्वपत्र चढ़ाए और प्रसादी का भोग लगाकर खुशहाली की कामना की। कई श्रद्धालु पैदल नंगे पैर चलकर शिवालयों में पहुंचकर शिवजी की पूजा-अर्चना की।
शहर के रपटाघाट स्थित बाहर ज्योर्तिलिंग शिव मंदिर, सिद्ध घाट, सहस्त्रधारा सहित आसपास क्षेत्र कई शिवमंदिरों में दर्शनार्थियों की भीड़ रही। इस दौरान शिवालयों में दिन में भजन-कीर्तन का कार्यक्रम भी चलता रहा। मंदिर में सुबह से ही भक्तों आना शुरू हो गया। शाम को भी कई धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन हुआ।
धर्ममय हुआ शहर
सोमवार पर शिवालयों में भोले बाबा के भक्तों ने पहुंचकर आराधना की। हर जगह जय बोले बाबा, हरहर महादेव, ओम नम शिवाय और त्रयम्बकम यजामहे आदि जयकारे, मंत्र गूंजते रहे जिससे सारा शहर धर्ममय बना रहा। भोले बाबा के जयकारों से पूरा वातावरण गुंजायमान रहा। श्रद्घालुओं ने सावन सोमवार का अंतिम व्रत धारण किया। नगर सहित आसपास के क्षेत्र के धार्मिक स्थलों और शिवालयों में भक्तों का तांता लगा रहा। विभिन्न धार्मिक आयोजन भी हुए। श्रावण मास में पूरे माह धार्मिक आयोजन नगर में होते रहे। जिसमें अखंड रामायण, रामधुन, रूद्रि निर्माण शामिल है। शाम को रेवातट पर होने वाली महाआरती में शहर व आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से श्रद्घालु शामिल हुए। भोलेनाथ के साथ पतित पावनी नर्मदा का पूजन अर्चन किया। महाआरती के लिए समिति ने विशेष इंतजाम किए।