मंडला. शनिवार को सिंधी समाज के प्रमुख धर्मगुरु भगवान झूलेलाल के उपासक चकरभाटा बिलासपुर आश्रम से धर्मगुरु श्री लाल साईं जी महाराज का नगर आगमन हुआ। जहां नेहरू स्मारक में लाल साई जी महाराज का पुष्पमाला से स्वागत किया गया।
लाल साईं महाराज को रथ में बैठकर श्री अष्टलक्ष्मी महायज्ञ एवं श्रीमद् भागवत के आयोजन स्थल मेहर बाबा कुटी मैदान पहुंचे। जहां वरुण देवता के स्वरूप भगवान झूलेलाल का जलतत्व में आह्वान कर ध्वज स्थापना की। इस अवसर पर श्री लाल साईं ने कहा कि 17 दिसंबर से 25 दिसंबर तक श्रीअष्ट लक्ष्मी महायज्ञ एवं 9 कुंडीय महायज्ञ का आयोजन नीलू महाराज द्वारा किया जा रहा है। इसमें दो-दो शंकराचार्य व बड़े-बड़े सतों का आगमन हो रहा है 108 संतों का आगमन होगा। मैं सिंधी समाज की ओर से चकरभाटा बिलासपुर छत्तीसगढ़ से उपस्थित हुआ हूं । ध्वज स्थापना के साथ जल देव अर्थात भगवान झूलेलाल वरूण देव जी का कलश भी स्थापित किया गया है। जिसके बाद श्री लाल साईं महाराज सिंधी समाज के गुरूद्वारा में आयोजित सत्संग कार्यक्रम में पहुंचे जहां उनका स्वागत समाजिक बंधुओं के द्वारा किया गया। वहीं गुरू द्वारा में चल रही अरदास और भजन कीर्तन पर शामिल होकर सामाजिक बंधुओं को आशीर्वाद प्रदान किया।
मंडला. शनिवार को सिंधी समाज के प्रमुख धर्मगुरु भगवान झूलेलाल के उपासक चकरभाटा बिलासपुर आश्रम से धर्मगुरु श्री लाल साईं जी महाराज का नगर आगमन हुआ। जहां नेहरू स्मारक में लाल साई जी महाराज का पुष्पमाला से स्वागत किया गया।
लाल साईं महाराज को रथ में बैठकर श्री अष्टलक्ष्मी महायज्ञ एवं श्रीमद् भागवत के आयोजन स्थल मेहर बाबा कुटी मैदान पहुंचे। जहां वरुण देवता के स्वरूप भगवान झूलेलाल का जलतत्व में आह्वान कर ध्वज स्थापना की। इस अवसर पर श्री लाल साईं ने कहा कि 17 दिसंबर से 25 दिसंबर तक श्रीअष्ट लक्ष्मी महायज्ञ एवं 9 कुंडीय महायज्ञ का आयोजन नीलू महाराज द्वारा किया जा रहा है। इसमें दो-दो शंकराचार्य व बड़े-बड़े सतों का आगमन हो रहा है 108 संतों का आगमन होगा। मैं सिंधी समाज की ओर से चकरभाटा बिलासपुर छत्तीसगढ़ से उपस्थित हुआ हूं । ध्वज स्थापना के साथ जल देव अर्थात भगवान झूलेलाल वरूण देव जी का कलश भी स्थापित किया गया है। जिसके बाद श्री लाल साईं महाराज सिंधी समाज के गुरूद्वारा में आयोजित सत्संग कार्यक्रम में पहुंचे जहां उनका स्वागत समाजिक बंधुओं के द्वारा किया गया। वहीं गुरू द्वारा में चल रही अरदास और भजन कीर्तन पर शामिल होकर सामाजिक बंधुओं को आशीर्वाद प्रदान किया।