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ईटीएस मशीन का उपयोग नही किया जा रहा सीमांकन करने में

सभी तहसीलों में है दो प्रशिक्षत मास्टर ट्रेनर्स

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ईटीएस मशीन का उपयोग नही किया जा रहा सीमांकन करने में

ईटीएस मशीन का उपयोग नही किया जा रहा सीमांकन करने में

मंडला. जिले की तहसीलों को मिली लाखों रुप की ईटीएस (इलेक्ट्रॉनिक टोटल स्टेशन) मशीन शोपीस बनकर रह गई है। मशीन का उपयोग सीमांकन में नहीं किया जा रहा है। जब कभी भूमिस्वामी मशीन से सीमांकन के लिए आवेदन करता है, तब कर्मचारी मशीन का उपयोग करते हैं। जानकारी के मुताबिक वर्ष 2014-15 में मंडला जिले की चार तहसील को ईटीएस मशीन उपलब्ध कराई गई थी ताकि इसका उपयोग सीमांकन में किया जाए। मशीन से सीमांकन होने के भूस्वामियों को सटीक सीमांकन रिपोर्ट मिल सकेगी। ईटीएस के सीमांकन के लिए प्रत्येक तहसील से दो मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षित किया गया था, इसके बाद मास्टर ट्रेनर्स ने कुंभ स्थल में जिले के अमला को ट्रेंड किया था। फिर भी ईटीएस मशीन से सीमांकन नहीं किए जा रहे हैं। राजस्व अमला की रूचि मशीन से सीमाकंन की नहीं रही है। जिसके कारण आज भी जरीब से ही सीमांकन किए जा रहे है। इससे सटीक सीमांकन नहीं हो रहे है।

1354 प्रकरण का सीमांकन लटका

राजस्व विभाग के अमला द्वारा सीमाकंन के प्रकरणों के निराकरण में हीलाहवाली की जा रही है। यही वजह है कि जिले में 1354 प्रकरण लंबित है। भूस्वामी और किसान कर्मचारियों और अधिकारियों के चक्कर काटने के लिए मजबूर है। यहां सीमाकंन के प्रकरणों के निराकरण का यह आलम है कि गत राजस्व वर्ष के 462 प्रकरणों का निराकरण नहीं हुआ है। पिछले और गत राजस्व वर्ष में 2040 सीमाकंन के लिए आवेदन आए थे, जिसमें 686 प्रकरण का निपटारा किया गया है। इससे दोगुना प्रकरण अभी लटके हुए हैं। जिससे पक्षकारों को यहां से वहां भटकना पड़ रहा है लेकिन सीमांकन नहीं हो रहा है।

तहसील कार्यालय में मशीन नहीं

ईटीएस मशीन तहसील कार्यालय में होना चाहिए, जिससे जरूरत पर तहसील के सभी पटवारी मशीन का उपयोग कर सकें लेकिन जिन मास्टर्स ट्रेनर को प्रशिक्षित किया गया था, उन्ही के जिम्मे ईटीएस मशीन है। जिला मुख्यालय में प्रशिक्षित कर्मचारी के घर में मशीन थी, कुछ माह पहले तहसील कार्यालय में मशीन लाई गई थी। यही हाल नैनपुर में भी है, यहां प्रशिक्षित कर्मचारी के घर में मशीन रखी है। घुघरी में आरआई के पास मशीन रखी है। बिछिया में मशीन का उपयोग करने वाला कोई कर्मचारी नहीं है, जिसके चलते यहां सीमांकन के लिए मंडला से प्रशिक्षित स्टॉफ जाता है, अभी अंजनिया में ईटीएस मशीन है। नारायणगंज में ईटीएस मशीन आवेदन होने की स्थिति में मंडला से जाती है।

सीएम हेल्पलाइन में 70 से ज्यादा शिकायतें दर्ज

मंडला जिले में भूमि सीमांकन में किस तरह की लापरवाही है, इसकी बानगी सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों को देखकर मिल जाती है। मंडला जिले में 70 से 75 शिकायतें सीएम हेल्पलाइन में दर्ज है। दो दर्जन ऐसी शिकायते है, जो महीने से पेंडिंग है। लेकिन इस शिकायतों में लोकसेवा अधिनियम के तहत समय सीमा में निराकरण नही होने के कारण कार्रवाई नही हो रही है। जिसके चलते शिकायतों को निराकरण नहीं किया जा रहा है। सीमांकन के लिए शिकायतों का निराकरण भी विभाग के द्वारा नहीं किया जा रहा है।