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रेवती नक्षत्र में पहला सोमवार, पंचक का भी साया

सावन: इस बार 8 सोमवार होगी शिव की आराधना,भक्त करेंगे रूद्राभिषेक

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रेवती नक्षत्र में पहला सोमवार, पंचक का भी साया

रेवती नक्षत्र में पहला सोमवार, पंचक का भी साया

मंडला. श्रावण माह शुरू हो गया है। श्रावण माह में शिव की आराधना की जाती है। सावन माह शुरू होते ही मंदिरों में रामायण पाठ का आयोजन शुरू हो गया है। पहले सोमवार को आज सिद्ध रेवा दरबार स्थित शिवालय, रपटा घाट स्थिति बारह ज्योर्लिंग, मंगलेश्वर मंदिर महाराजपुर, सहस्त्रधारा स्थित शिवमंदिर, शिव मंदिर किला वार्ड आदि शिव मंदिरों में श्रृद्धालु पूजन-पाठ करने पहुंचेगे।

पंडित विजयानंद शास्त्री ने बताया कि हिन्दू पंचांग के अनुसार 04 जुलाई से सावन माह शुरू हो गया है। सावन माह का समापन 31 अगस्त को होगा। इस वर्ष मलमास पडऩे के चलते 59 दिनों का सावन होगा। इसके लिए सावन महीने में 8 सोमवार होंगे। इनमें पहला सोमवार 10 जुलाई को है और अंतिम सोमवार 28 अगस्त को होगा। बता दे कि सावन के पहले सोमवार के दिन सुकर्मा योग और रेवती नक्षत्र है। वहीं पहले सोमवार को पंचक का भी साया रहेगा। इसके साथ ही इस दिन श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि भी है। अष्टमी तिथि को रुद्रावतार बाबा काल भैरव की पूजा की जाती है।

शास्त्रों में बताया गया है कि श्रावण मास भगवान शिव को प्रिय है, श्रावण मास में शिव की विशेष आराधना की जाती है। शिव साधकों के लिये श्रावण मास विशेष महत्व रखता है। श्रावण मास में प्रतिदिन शिव पूजन का विधान है। श्रावण में पार्थिव शिव पूजा का विशेष महत्व है। जो प्रतिदिन पूजन नहीं करते वे हर सावन सोमवार में शिव की आराधना करते है। श्रावण मास में व्रत भी रखा जाता है। इस माह में लघुरूद्र, महारूद्र और अतिरूद्र पाठ कराने का विधान भी शास्त्रों में बताया गया है। चूंकि महिष्मति नगरी नर्मदा तट पर बसी है, इसलिये इस नगरी में श्रावण मास का महत्व और बढ़ जाता है। प्रचीन ग्रन्थों में बताया गया कि मां नर्मदा का हर एक कंकर शिव के समान है और नर्मदा तट पर की गई शिव साधना जल्द ही फलीभूत होती है। 10 जुलाई को सावन का पहला सोमवार है। सावन माह के प्रत्येक सोमवार शिव भक्तों के लिए सबसे खास माना जाता है।

पंचक हानिकारक नहीं

पंडित विजयानंद शास्त्री ने बताया कि सावन माह के पहले सोमवार को पंचक का साया है। वहीं पंचक की शुरूआत सावन माह शुरू होने के बाद 06 जुलाई की दोपहर 01 बजकर 38 मिनट से पंचक लगा था, जिसका समापन 10 जुलाई को सावन के पहले सोमवार वाले दिन शाम 6 बजकर 59 मिनट पर होगा। पहले सोमवार को पूरे दिन पंचक का साया रहेगा। बताया गया कि पंचक गुरुवार के दिन से शुरू हुआ था, इसलिए ये हानिकारक नहीं है।

ये है शुभ मुहूर्त

सावन के पहले सोमवार के दिन श्रावण अष्टमी तिथि सुबह से लेकर शाम 06 बजकर 43 मिनट तक है। सुकर्मा योग दोपहर 12 बजकर 34 मिनट से है, जो पूरी रात रहेगा। वहीं पंचक सुबह 05 बजकर 30 मिनट से शाम 06 बजकर 59 मिनट तक है। इस दिन का शुभ मुहूर्त या अभिजित मुहूर्त 11 बजकर 59 मिनट से दोपहर 12 बजकर 54 मिनट तक रहेगा। इस दिन रुद्राभिषेक का शुभ मुहूर्त प्रातकाल से लेकर शाम 06 बजकर 43 मिनट तक रहेगा।