
मंडला. अंजनिया. भीषण गर्मी के दौरान सूखते जल स्रोतों और तालाब, झिरिया, पोखर आदि की सफाई और उनके जीर्णोद्धार के लिए पत्रिका द्वारा अमृतम-जलम अभियान शुरु किया गया है। १३ मई से शुरु हुए इस अभियान का श्रीगणेश जिले के अंजनिया क्षेत्र से हुआ। नगर के हर वर्ग ने पत्रिका के इस अभियान की न केवल सराहना की बल्कि इसमें पूरे उत्साह के साथ शामिल भी हुए। नगर के सबसे युवा समाजसेवी आकाश पटेल के नेतृत्व में नगरवासियों ने अमृतम-जलम अभियान के लिए गायत्री मंदिर के बड़े तालाब को चुना। चूंकि यह तालाब क्षेत्र का सबसे पुराना तालाब है। साथ ही इस तालाब से लोगों की न केवल आजीविका बल्कि आस्था भी जुड़ी हुई है। धर्मोत्सव के दौरान नगर की सभी मूर्तियों का विसर्जन इस तालाब में किया जाता है। पूजन, हवन, अनुष्ठान के साथ साथ दशगात्र आदि के कार्यक्रम भी इसी तालाब के किनारे संपन्न किए जाते हैं। आजीविका समूह द्वारा इस तालाब में कमल उत्पादन भी किया जाता है लेकिन नियमित देखरेख के अभाव में तालाब में जलस्तर काफी कम हो गया और सिल्ट जमने के कारण किनारों पर घुटनों तक कीचड़ भर गया है। यही कारण है कि क्षेत्रवासियों ने इस तालाब से अमृतम-जलम अभियान की शुरुआत की।
रविवार की सुबह युवा आकाश के नेतृत्व में सरपंच सुधीर मरावी, उपसरपंच और ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष अंजनिया विनोद पटेल, पुलिस चौकी प्रभारी सुंद्रेश मेरावी, एएसआई शुक्ला और पूरा स्टाफ, पंच चंद्रकिशोर साहू, पंच रम्मू श्रीवास, पंच तमेश पटेल, पंच संजय गढ़ेवाल, पंच नीलू उइके, मेट संजीत पटेल, गांव के वरिष्ठ सुदर्शन पटेल आदि ने तसला फावड़ा लिया और तालाब की सफाई के लिए उतर पड़े। घंटों की मशक्कत के बाद तालाब की तलहटी में जमा कीचड़ भारी मात्रा में निकालकर अन्यत्र इकट्ठा किया गया।
तालाब के किनारे उगे हुए पेड़-पौधों को अलग किया गया। तालाब के किनारों के गहरीकरण के बाद युवाओं ने पूरे घाट की सीढिय़ों की सफाई की और अमृतम-जलम अभियान के तहत संकल्प लिया कि वे अब इस तालाब की नियमित देखरेख करेंगे। तालाब का जलस्तर कम नहीं होने दिया जाएगा। क्षेत्रवासियों ने पत्रिका के इस अभियान की जमकर सराहना की और इसे जलस्रोतों को सहेजने की दिशा में सार्थक कदम बताया।

Published on:
14 May 2018 05:59 pm
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